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घातक तूफ़ानों से निपटने के लिए हो त्वरित जलवायु कार्रवाई: गुटेरेश

मोज़ाम्बिक के बुज़ी में एक अस्थायी राहत शिविर में अपने दो साल के बच्चे को खाना खिलाती एक मां.
UNICEF/Prinsloo
मोज़ाम्बिक के बुज़ी में एक अस्थायी राहत शिविर में अपने दो साल के बच्चे को खाना खिलाती एक मां.

घातक तूफ़ानों से निपटने के लिए हो त्वरित जलवायु कार्रवाई: गुटेरेश

जलवायु और पर्यावरण

चक्रवाती तूफ़ान 'इडाई' के बाद मृतकों का बढ़ता आंकड़ा जलवायु परिवर्तन के ख़तरों के प्रति एक और चेतावनी भरी घंटी है. मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सचेत किया कि अगर इस चुनौती से निपटने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से संवेदनशील मोज़ाम्बिक जैसे देशों को इसकी क़ीमत चुकानी पड़ेगी.

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यूएन प्रमुख ने कहा, "ऐसी घटनाओं के होने की रफ़्तार अब बढ़ रही है और उनका असर व्यापक और गहन है. अगर अभी कदम नहीं उठाए गए तो फिर स्थिति और ख़राब हो जाएगी. ज़बरदस्त तीव्रता वाले इन तूफ़ानों को देखते हुए हमें जलवायु कार्रवाई को और मज़बूत करने की आवश्यकता है."

यूएन महासचिव ने जलवायु परिवर्तन से निपटने की कार्रवाई में ऊर्जा भरने के लक्ष्य से इस साल सितंबर में एक बैठक का आयोजन किया है. इसके ज़रिए दुनिया भर में देशों से ज़रूरी कदम उठाने का आह्वान किया गया है ताकि 2015 में हुए पेरिस समझौते के अंतर्गत तय किए गए रास्तों पर तेज़ी से चला जा सके. इस संबंध में कार्बन उत्सर्जन कम करने और वैश्विक तापमान में पूर्व औद्योगिक काल की तुलना में तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से कम रखे जाने का लक्ष्य है.

मोज़ाम्बिक, मलावी और ज़िम्बाब्वे में 'इडाई' से होने वाली मौतों का आंकड़ा 700 है लेकिन अभी यह बढ़ सकता है क्योंकि सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं. तीस लाख लोगों के इस तूफ़ान से प्रभावित होने का अनुमान है और इनमें दो तिहाई लोगों की संख्या मोज़ाम्बिक में है जहां मुख्य बंदरगाह शहर बेयरा पूरी से तरह से बर्बाद हो गया है जबकि अंदरूनी इलाक़ों में बाढ़ पानी भरा हुआ है जिससे कृषि योग्य भूमि पर प्रभाव पड़ा है.

इस मुश्किल घड़ी में यूएन प्रमुख ने तीनों देशों के साथ एकजुटता की बात कही है. "आज मैं मोज़ाम्बिक, ज़िम्बाब्वे और मलावी की जनता और सरकारों के साथ पूर्ण रूप से एकजुटता की बात दोहराना चाहता हूं. संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठनों की आपात टीमें संकट की शुरुआत से ही ज़मीनी स्तर पर कार्यों पर जुटी हैं."

विकट परिस्थितियों में अब तक एक लाख लोगों तक राहत पहुंचाई जा चुकी है और अन्य ज़रूरतमंदों तक पहुंचने के प्रयास किए जा रहे हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा है कि दस लाख से ज़्यादा बच्चों को तत्काल राहत का अनुमान लगाया गया है और कई ऐसे स्थानों पर अभी नहीं पहुंचा जा सका है जहां पूरे गांवों के बह जाने की आशंका है. रिपोर्टों के मुताबिक़ एक अरब डॉलर से ज़्यादा मूल्य के बुनियादी ढांचे को क्षति पहुंची है. तबाही की व्यापकता को देखते हुए तीन अफ़्रीकी देशों में ठोस और सतत सहायता प्रयासों की ज़रूरत को रेखांकित किया गया है.

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र ने मोज़ाम्बिक के लिए 28.17 करोड़ डॉलर की अपील जारी की है. यूएन प्रमुख ने कहा, "मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन अपीलों को वित्तीय समर्थन दिए जाने की अपील करता हूं ताकि राहत एजेंसियों को अपना काम तेज़ी से करने और उसका दायरा बढ़ाने में मदद मिल सके."