वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

शांतिरक्षा अभियानों को मज़बूती देती महिलाएं

दुनिया के कई ख़तरनाक इलाक़ों में स्वीडन अपने सैनिकों और पुलिसकर्मियों को भेजता है.
UN Photo/Harandane Dicko
दुनिया के कई ख़तरनाक इलाक़ों में स्वीडन अपने सैनिकों और पुलिसकर्मियों को भेजता है.

शांतिरक्षा अभियानों को मज़बूती देती महिलाएं

महिलाएँ

शांतिरक्षा के प्रयासों में जिस तरह व्‍यापक मानवीय दृष्टिकोण का समावेश बढ़ रहा है, उसमें शांतिरक्षा परिवार में महिलाओं की संख्‍या बढ़ती जा रही है. महिलाओं को पुलिस, सैन्‍य और असैन्‍य सभी क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है जिससे शांति स्‍थापना में महिलाओं की भूमिका को समर्थन देने तथा महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण, दोनों पर अनुकूल असर पड़ा है.

महिला शांतिरक्षकों ने सिद्ध कर दिया है कि वे शांतिरक्षा के सभी क्षेत्रों में अपने पुरुष साथियों के समान कठिन परिस्थितियों में, उन्‍हीं कसौटियों पर, उन्‍हीं की तरह की भूमिकाएं निभा सकती हैं. शांतिरक्षा अभियानों के संचालन की यह आवश्‍यकता है कि हम महिला शांतिरक्षकों को भर्ती करें और उनसे काम कराते रहें.

1993 में तैनात कुल वर्दीधारी शांतिरक्षकों में एक प्रतिशत महिलाएं थीं. 2014 में संयुक्‍त राष्‍ट्र शांतिरक्षा अभियानों में करीब 1,25,000 शांतिरक्षकों में से सैन्‍य कर्मियों में तीन प्रतिशत और पुलिस कर्मियों में 10 प्रतिशत महिलाएं थीं.

संयुक्‍त राष्‍ट्र, वर्दीधारी शांतिरक्षकों के कामकाज के लिए महिलाओं की तैनाती को प्रोत्‍साहन देता है और उसकी हिमायत करता है. लेकिन पुलिस और सेना में महिलाओं की तैनाती की ज़िम्‍मेदारी सदस्‍य देशों की है.

संयुक्‍त राष्‍ट्र पुलिस प्रभाग ने राष्‍ट्रीय पुलिस सेवाओं में और दुनिया भर में संयुक्‍त राष्‍ट्र पुलिस गतिविधियों में और अधिक संख्‍या में महिला पुलिस अधिकारियों की भर्ती के लिए एक वैश्विक प्रयास शुरू किया.

संयुक्‍त राष्‍ट्र कर्मचारियों में लैंगिक बराबरी के लिए प्रयास करना संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव की प्राथमिकता है. संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय ने 2012 में 48 प्रतिशत कर्मचारी महिला और 52 प्रतिशत पुरुष थे. इस अनुपात में सबसे अधिक विसंगति मध्‍यम और वरिष्‍ठ स्‍तर पर थी. शांतिरक्षा गतिविधियों और विशेष पुलिस अभियानों में यह आंकड़े अधिक चुनौतीपूर्ण हैं. महिलाओं का अनुपात अंतर्राष्‍ट्रीय कर्मचारियों में सिर्फ 29 प्रतिशत और राष्‍ट्रीय कर्मचारियों में 17 प्रतिशत है.

दक्षिण सूडान के जूबा में मेडल परेड के दौरान नेपाल की एक रिज़र्व बटालियन के सदस्य.
UN Photo/Isaac Billy
दक्षिण सूडान के जूबा में मेडल परेड के दौरान नेपाल की एक रिज़र्व बटालियन के सदस्य.

 

इन आंकड़ों में पिछले कुछ वर्षों में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है. 2013 में फ़ील्‍ड सपोर्ट, शांति रक्षा अभियानों और राजनीतिक कार्य विभागों ने 'फिलिंग द गैप इन सिविलियन पीस ऑपरेशन' नाम से एक प्रोजैक्‍ट शुरू किया ताकि फ़ील्‍ड में काम करने के लिए महिला कर्मचारियों को आकर्षित करने, काम कराते रहने और आगे बढ़ाने में आने वाली बाधाओं को समझ सकें.

इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की गई और सिफ़ारिशों को 2014 में और उसके बाद लागू करने के लिए विकसित किया गया. संयुक्‍त राष्‍ट्र सचिवालय के सभी कर्मचारियों में असैन्‍य फ़ील्‍ड कर्मियों का अनुपात 53 प्रतिशत है. इसे देखते हुए शांति गतिविधियों में असैन्‍य महिला कर्मियों की संख्‍या बढ़ाने से कुल मिलाकर संयुक्‍त राष्‍ट्र में सेवारत महिला कर्मियों की संख्‍या बढ़ाने में मदद मिलेगी.

अधिक जानकारी के लिए हमारे जैंडर स्‍टैटटिक्‍स खंड में जाएं और हमारे सभी मिशनों में कार्यरत पुरुष और महिला वर्दीधारी कर्मियों की मासिक संख्‍या का विवरण डाउनलोड करें.

शांतिरक्षा गतिविधि विभाग केवल महिलाओं वाले शांति और सुरक्षा मिशनों में शांतिरक्षण में महिलाओं की संख्‍या बढ़ाने के आग्रह पर निरन्‍तर अधिक महिलाओं की तैनाती की हिमायत करता है. लेकिन वास्तव में शांतिरक्षा अभियानों में अधिक संख्‍या में महिलाओं की तैनाती की असली ज़िम्‍मेदारी उन देशों की है जो शांतिरक्षण गतिविधियों के लिए सैनिक और पुलिसकर्मी भेजते हैं.

महिला शांतिरक्षक होना क्‍यों महत्‍वपूर्ण है?

महिला शांतिरक्षक स्‍थानीय माहौल में रोल मॉडल का काम करती हैं, इससे पुरुष प्रधान समाजों में महिलाएं और लड़कियां अपने अधिकारों के लिए दबाव डालने तथा शांति प्रक्रियाओं में भागीदारी के लिए प्रेरित होती हैं.

तंज़ानिया की महिला शांतिरक्षक कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में तैनात हैं और सुरक्षा गश्त के अलावा स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने के प्रयासों का भी हिस्सा हैं.
MONUSCO/FIB/Mohammed Mkumba
तंज़ानिया की महिला शांतिरक्षक कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में तैनात हैं और सुरक्षा गश्त के अलावा स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने के प्रयासों का भी हिस्सा हैं.

 

महिलाओं की भर्ती बढ़ाने के लाभ:

  • मेज़बान समुदाय में महिलाओं का सशक्‍त होना;
  • पूर्व लड़ाकुओं को लड़ाकू दस्‍तों से हटाने और असैन्‍य जीवन में शामिल करने की प्रक्रिया के दौरान पूर्व महिला लड़ाकुओं की विशेष आवश्‍यकताओं को पूरा करना;
  • समुदाय में महिलाओं को शांतिरक्षक दल से संपर्क करने में मदद देना;
  • लिंग आधारित हिंसा के पीड़ि‍तों के साथ बातचीत करना;
  • पुलिस और सैन्‍य अकादमियों में महिला कैडेटों का मार्गदर्शन करना;
  • जिन समाजों में महिलाओं को पुरुषों से बात करने की मनाही है, वहां उनके साथ बातचीत करना.

महिला शांति रक्षकों की उपस्थिति से:

  • संघर्ष और टकराव कम करने में मदद मिल सकती है;
  • स्‍थानीय महिलाओं की पहुंच और उनके लिए समर्थन में सुधार हो सकता है;
  • समुदाय में महिलाओं के लिए रोल मॉडल दिए जा सकते हैं;
  • महिलाओं और बच्‍चों सहित स्‍थानीय आबादी में सुरक्षा का एहसास बढ़ाया जा सकता है;
  • शांति रक्षक मिशन के भीतर उपलब्‍ध कौशलों का दायरा बढ़ाया जा सकता है.