'हर घंटे बढ़ रहा है' तूफ़ान से तबाही का दायरा
चक्रवाती तूफ़ान 'इडाई' के गुज़रने के बाद तीन अफ़्रीकी देशों में उससे हुई तबाही का दायरा स्पष्ट होता जा रहा है. सिर्फ़ मोज़ाम्बिक में ही एक हज़ार लोगों की इस आपदा में मौत होने की आशंका ज़ाहिर की गई है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि आपदा की व्यापकता हर घंटे बढ़ती जा रही है.
यूएन एजेंसी का कहना है कि तूफ़ान पीड़ित लोग अब भी अपनी छतों या पेड़ों पर चढ़कर राहत और बचाव टीमों का इंतज़ार कर रहे हैं. इस प्राकृतिक आपदा से मोज़ाम्बिक, मलावी और ज़िम्बाब्वे में हज़ारों की संख्या में लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं, वहीं सड़कों, पुलों और फ़सलों को भी भारी नुक़सान पहुंचा है.
मानवीय मामलों में समन्वयन के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) में अधिकारी येन लाएरके ने कहा कि हम एक विशाल आपदा की बात कर रहे हैं जहां लाखों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. इसके लिए जितनी भी सहायता संभव हो, वह मिलनी चाहिए.
ज़िम्बाब्वे और मलावी में बाढ़ का पानी उतरना शुरू हो गया है जिससे कुछ लोगों ने घर लौटना शुरू कर दिया है. लेकिन विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने चेताया है कि मोज़ाम्बिक एक ऐसी मानवीय आपात स्थिति का सामना कर रहा है जिसकी व्यापकता हर घंटे के बीतने के साथ बढ़ती जा रही है.
अनुमान है कि मोज़ाम्बिक में तूफ़ान जिस रास्ते से आया उन इलाक़ों में 17 लाख लोग रहते हैं. मलावी में 9 लाख से ज़्यादा और ज़िम्बाब्वे में हज़ारों लोग तूफ़ान की चपेट में आए हैं.
जलमग्न हुई धरती
यूएन एजेंसी के मुताबिक़ प्रभावितों तक राहत पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है. बाढ़ग्रस्त इलाक़ों को देख चुके यूएन कर्मचारियों ने बताया कि दो नदियां उफ़ान पर हैं और मीलों तक सिर्फ़ बाढ़ का पानी ही दिखाई दे रहा है.
मोज़ाम्बिक में, विश्व खाद्य कार्यक्रम की तूफ़ान प्रभावित 6 लाख लोगों तक मदद पहुंचाने की योजना है जबकि मलावी में 6.5 लाख लोगों को भोजन संबंधी सहायता दी जाएगी. तूफ़ान के दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चली.
यूएन की मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO) की प्रवक्ता क्लेअर नूलीस ने बताया कि मानवीय राहत प्रयासों के बीच भारी बारिश हो रही है और आने वाले दिनों में भी और बारिश का पूर्वानुमान है.
"मोज़ाम्बिक के राष्ट्रपति ने कहा है कि मृतकों का आंकड़ा एक हज़ार तक पहुंचने का डर है. अगर यह रिपोर्ट, डर सही साबित होता है तो हम कह सकते हैं कि यह तबाही लाने वाली अब तक की सबसे बड़ी मौसम-संबंधी - चक्रवाती तूफ़ान संबंधी - आपदा होगी."
छतों और पेड़ों की शरण में लोग
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने आपदा के बड़े स्तर की पुष्टि करते हुए कहा है कि ढाई लाख से ज़्यादा बच्चे मोज़ाम्बिक में तूफ़ान से प्रभावित हुए हैं.
यूनिसेफ़ ने बताया कि कई लोग हताश परिस्थितियों में हैं और अपना जीवन बचाने के लिए, हज़ारों लोग छतों पर, ऊंचे स्थानों पर या पेड़ों पर बैठकर मदद मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं. इनमें बच्चे भी शामिल हैं.
दक्षिणी अफ़्रीका के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम में क्षेत्रीय संचार अधिकारी जेराल्ड बुर्क ने यूएन न्यूज़ को बताया कि मुख्य चिंता उन लोगों की है जो फंसे हुए हैं और बाढ़ के पानी की वजह से अलग हो गए हैं. जिन लोगों ने प्रभावित इलाक़ों के ऊपर से उड़ान भरी है उन्होंने बताया कि ज़मीन समुद्र में तब्दील हो गई है और मीलों तक सिर्फ़ पानी नज़र आ रहा है. जल का स्तर पेड़ों से ऊपर भी उठ गया है.
बंदरगाह शहर बेयरा में पीड़ितों तक बिस्किट, पानी और कंबलों को पीड़ितों तक पहुंचाने के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम विमानों का सहारा ले रहा है. इस शहर में 90 फ़ीसदी से ज़्यादा इमारतें ध्वस्त हो गई हैं, और यूएन एजेंसी के संसाधनों को नुक़सान पहुंचा है. इतनी मुश्किल परिस्थितियों में विमानों का उतर पाना भी मुश्किल साबित हो रहा है.
मंगलवार को चार टन बिस्किट वितरित किए जाने हैं. इससे पहले सोमवार को 1.2 टन बिस्किट पहले भी बांटे जा चुके हैं. दो मालवाहक विमानों को बेयरा तक लाने के लिए बातचीत चल रही है. स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों और बाढ़ के बाद होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य कार्यक्रम (WHO) भी तैयारी में जुटा है और ज़रूरी सामग्री को जुटाया जा रहा है. .