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तूफ़ान प्रभावित अफ़्रीकी देशों में राहत कार्य तेज़

तूफ़ान से पहले मलावी के तेन्गानी में 5-9 मार्च को तेज़ बारिश हुई जिसके बाद का एक दृश्य.
UNICEF/Juskauskas
तूफ़ान से पहले मलावी के तेन्गानी में 5-9 मार्च को तेज़ बारिश हुई जिसके बाद का एक दृश्य.

तूफ़ान प्रभावित अफ़्रीकी देशों में राहत कार्य तेज़

मानवीय सहायता

मोज़ाम्बिक, मलावी और ज़िम्बाब्वे में क़हर बरपाने वाले चक्रवाती तूफ़ान 'इडाई' के बाद संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का कार्य तेज़ कर दिया है. तीन अफ़्रीकी देशों में जान-माल की भारी हानि हुई है और मलावी में ही अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने तूफ़ान से हुई तबाही पर शोक जताया है.

एंतोनियो गुटेरेश की ओर से जारी एक बयान में पीड़ितों के परिवारों को शोक संदेश में कहा गया कि "लोगों की जान जाने, संपत्तियों की बर्बादी से और भारी बारिश और बाढ़ के चलते विस्थापन होने की वजह से महासचिव दुखी हैं." ज़िम्बाब्वे में तूफ़ान से अब तक 30 लोगों की मौत होने की ख़बर है.  

"संयुक्त राष्ट्र ज़िम्बाब्वे में स्थानीय प्रशासन के साथ एकजुटता व्यक्त करता है और इस आपदा के बाद उपजी मानवीय ज़रूरतों को पूरी करने के लिए साथ मिलकर काम करने को तैयार है."

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के शुरुआती अनुमान के मुताबिक़ मोज़ाम्बिक में तूफ़ान से 17 लाख लोग प्रभावित हुए जबकि मलावी में यह आंकड़ा 9 लाख से अधिक है.

यूएन एजेंसी का कहना है कि ज़मीनी स्तर पर यूएन टीम तूफ़ान प्रभावित तीनों देशों में तैयार है और मलावी में 6.5 लाख और मोज़ाम्बिक में 6 लाख लोगों को भोजन सामग्री वितरित की जाएगी. 

इसके अलावा जीवन-रक्षक सेवाओं का स्तर भी बढ़ाया जा रहा है और कुपोषण से पीड़ित पांच साल तक के बच्चों का ख़ास ध्यान रखा जाएगा. 20 टन आपात राहत सामग्री लेकर यूएन एजेंसी का एक विमान मोज़ाम्बिक पहुंच चुका है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम की 30 नावें काम में लाई जा रही हैं और कई प्रभावित इलाक़ों में राहत टीमों को तैनात किया गया है. 

200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली हवाएं लाने वाले तूफ़ान ने मोज़ाम्बिक के बाद तूफ़ान ने मलावी और ज़िम्बाब्वे का रुख़ किया. हज़ारों घरों, सड़कों, पुलों और फ़सलों को भारी नुक़सान पहुंचा है.