न्यूज़ीलैंड: क्राइस्टचर्च की मस्जिदों में गोलीबारी की कड़ी निंदा

न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की दो मस्ज़िदों में गोलीबारी की संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कड़े शब्दों में निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मुस्लिम-विरोधी नफ़रत की भावना के ख़िलाफ एकजुट होने का आग्रह किया है. इस हमले में 49 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं.
यूएन महासचिव ने अपने एक ट्वीट में लिखा, "मैं बहुत दुखी हूं और शांतिपूर्ण ढंग से नमाज़ पढ़ते मासूम लोगों पर गोलियां चलाए जाने की कड़ी निंदा करता हूं. मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं. आज और हर दिन हमें हर प्रकार की कट्टरता और आतंक के ख़िलाफ एकजुट होना चाहिए."
क्राइस्टचर्च में एक दूसरी मस्जिद को भी निशाना बनाए जाने की ख़बरें मिली हैं.
पुलिस का कहना है कि एक युवक को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उस पर हत्या का मुक़दमा दर्ज किया गया है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अल नूर मस्जिद में नमाज़ियों पर गोली चलाने की घटना को इस युवक ने सिर पर लगे कैमरे से फ़िल्माया और उसका सीधा ऑनलाइन प्रसारण किया.
पुलिस ने आग्रह किया है कि इस गोलीबारी के दृश्य बेहद विचलित कर देने वाले हैं और इसलिए उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए.
फ़ेसबुक ने बंदूकधारी के फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट को बंद कर दिया है जिनमें कथित तौर पर नस्लभेदी और आप्रवासियों के ख़िलाफ़ भावनाएं व्यक्त की गई थी.
इन हमलों के सिलसिले में दो और पुरुषों और एक महिला को हिरासत में लिया गया लेकिन बाद में एक को छोड़ दिया गया.
संयुक्त राष्ट्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्विटर पर न्यूज़ीलैंड में इन हमलों पर अपनी संवेदनाएं साझा की हैं.
अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संघ (IOM) के महानिदेशक एंतोनियो वितोरिनो ने पीड़ितों के परिवारों को शोक संदेश में घटना पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि ऐसा पता चला है कि मृतकों और घायलों में कई शरणार्थी और प्रवासी हैं.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) प्रमुख फ़िलिपो ग्रान्डी ने न्यूज़ीलैंड के ध्वज के साथ फ़ोटो साझा की है और कहा है कि इस गहरे शोक में और पीड़ितों के लिए प्रार्थना के दौरान यूएन एजेंसी मज़बूती से न्यूज़ीलैंड की जनता और सरकार के साथ खड़ी है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की कार्यकारी निदेशक हेनरिएटा फ़ोर ने अपने ट्ववीट में कहा कि "इस घटना से हमारा दिल टूट गया है...हमें इस बात का बेहद दुख है कि बच्चों को यह धक्का लगा है कि उनके अभिभावक कभी घर वापस नहीं आ पाएंगे."