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2019 को अभिनव समाधानों का साल बनाने की पुकार

नैरोबी में यूएन पर्यावरण असेम्बली के चौथे सत्र में उपमहासचिव अमीना जे. मोहम्मद.
UNEP/Cyril Villemain
नैरोबी में यूएन पर्यावरण असेम्बली के चौथे सत्र में उपमहासचिव अमीना जे. मोहम्मद.

2019 को अभिनव समाधानों का साल बनाने की पुकार

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव अमीना जे. मोहम्मद ने कहा है कि 2019, दुनिया को रूपान्तरित कर देने वाले समाधानों और जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों से बचाने में मदद करने वाला साल साबित हो सकता है.  इससे पारिस्थितिकी तंत्रों, वैश्विक अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और सुरक्षा को पनप रहे ख़तरों से निपटने में मदद मिलेगी. 

नैरोबी में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण (UNEP) असेम्बली के दौरान उपमहासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि सम्मेलन में हुए विमर्श से उन्हें प्रेरणा मिली है और इस चर्चा से पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में नए और उन्नत समाधानों को अपनाने का रास्ता खुल सकेगा. 

बैठक में उपस्थित राष्ट्राध्यक्षों और मंत्रियों से उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था को नए सांचे में ढाले जाने का अनुरोध किया ताकि सजग प्रबंधन को सम्मानित किया जा सके जबकि कचरे और प्रदूषण के लिए दंड हो.

असेम्बली के मुख्य विषय - उत्पादन और खपत के टिकाऊ तरीकों  को अपनाए जाने की आवश्यकता - पर चर्चा करते हुए उन्होंने प्रतिभागियों को ध्यान दिलाया कि मौजूदा वैश्विक अर्थव्यवस्था के उस मॉडल के नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं जिसमें चीजों को बनाने, इस्तेमाल में लाने और फिर फेंक देने पर ही ज़ोर था. 

इसमें मोबाइल फ़ोन में इस्तेमाल होने वाली धातु के खनन, लाखों टन प्लास्टिक कचरे के समुद्र में बहने, और हर साल भारी मात्रा में इलैक्ट्रॉनिक कचरे के फेंके जाने से होने वाले पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी नुक़सान शामिल हैं. 

पर्यावरण को नुक़सान पहुंचाने वाली वर्तमान प्रणाली से छुटकारे के लिए समाधानों के तहत इस धारणा को बदले जाने का भी अनुरोध किया गया है जिसके अनुसार, अर्थव्यवस्था बढ़ाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों को ख़त्म करना आवश्यक है. अमीना मोहम्मद ने कहा कि भोजन, यात्रा और कचरे संबंधी अपनी आदतों को बदलते हुए और अभिनव रास्तों पर चलकर आर्थिक रूप से अधिक लाभ हो सकता है. इसके लिए यह सुनिश्चित करना अहम है कि सभी उत्पादों को फिर से इस्तेमाल में लाया जा सके. 

यूएन उपमहासचिव ने विशिष्ट उदाहरण देते हुए जानकारी दी कि कैसे सरकारें, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. जैसे कई बड़े होटलों ने पानी की खपत और कचरे को 50 फ़ीसदी कम करने का संकल्प लिया है. वहीं भारत और कोस्टारिका सहित अन्य देश एक बार इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक पर पाबंदी लगाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही किरीबाती द्वीप पर एक ऐसी अनूठी प्रणाली इस्तेमाल में लाई जा रही है जिसमें बिना भूमि के उपयोग के सब्ज़ियां उगाई जा रही हैं. 

अमीना मोहम्मद ने कहा कि इस साल सितंबर में होने वाली संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर वार्ता से पहले का यह समय एक 'बड़ी, महत्वाकांक्षी छलांग' लगाने का है. न्यूयॉर्क में इस बैठक का आयोजन यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश कर रहे हैं जिसका लक्ष्य जलवायु परिवर्तन से मुक़ाबले के लिए हो रहे प्रयासों में नए प्राण फूंकना है.

उपमहासचिव ने कहा कि यूएन प्रमुख को उम्मीद है कि शिखर वार्ता में विश्व नेता भाषण के साथ नहीं बल्कि एक योजना के साथ आएंगे जिसके ज़रिए यह समझाया जा सके कि देश कैसे कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने, अच्छी हरित नौकरियां सृजित करने और टिकाऊ शहरों का निर्माण करने के लिए कदम उठा सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये योजनाएं विश्वसनीय और महत्वाकांक्षी होनी चाहिए ताकि सड़क पर उतरे लोगों को यह समझाया जा सके कि उनकी बातों को गंभीरता से लिया जा रहा है.