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'वैश्विक प्रगति के लिए अहम है' महिला सशक्तिकरण

राबात में एक कंपनी के मार्केटिंग विभाग में काम करने वालीं दो महिलाएं.
World Bank/Arne Hoel
राबात में एक कंपनी के मार्केटिंग विभाग में काम करने वालीं दो महिलाएं.

'वैश्विक प्रगति के लिए अहम है' महिला सशक्तिकरण

महिलाएँ

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने संदेश में कहा है कि महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता, वैश्विक प्रगति के लिए आवश्यक हैं.  महिलाओं और लड़कियों द्वारा किए जाने वाले अभिनव प्रयास लैंगिक समानता हासिल करने के लक्ष्य में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. 

यूएन महासचिव ने कहा, "पिछले साल पहली बार हमने संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ प्रबंधन समूह और उन अधिकारियों में लैंगिक बराबरी हासिल कर ली जो दुनिया भर में यूएन टीमों का नेतृत्व करते हैं."

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में एक दशक के भीतर पूर्ण रूप से बराबरी प्राप्त करने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने महिला दिवस को 1975 में मनाना शुरू किया जिसे अंतरराष्ट्रीय महिला वर्ष के रूप में मान्यता दी गई थी. हाल के दशकों में महिलाओं की उपलब्धियों को पहचाने जाने के अवसर से आगे बढ़ कर यह दिवस महिला अधिकारों और राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में उनकी भागीदारी के लिए समर्थन जुटाने का अवसर बन गया है. 

संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव अमीना जे. मोहम्मद ने अपने संदेश में कहा कि, "लैंगिक समानता हमारे काम को प्रभावी बनाने के लिए ज़रूरी है और हम दुनिया की आधी आबादी के योगदान को हाथ से नहीं जाने दे सकते."

"श्रम बल में महिलाओं की समान भागीदारी होने से वैश्विक विकास के लिए ख़रबों डॉलर का रास्ता खुल जाएगा."

उपमहासचिव ने स्पष्ट किया कि जैसा भविष्य हम चाहते हैं और जिन टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हम हासिल करना चाहते हैं वो तब तक नहीं हो सकता जब तक महिलाओं की पूर्ण भागीदारी न हो.

दुनिया में लैंगिक बराबरी हासिल करने के लिए सामाजिक क्षेत्र में ऐसे अभिनव प्रयासों की आवश्यकता है जिनसे सभी को आगे बढ़ने में मदद मिल सके. यूएन की रणनीति में इन्हीं बिंदुओं पर बल दिया गया है. इस नज़रिए से महिलाओं और लड़कियों के लिए ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, किफ़ायती और गुणवत्तापरक देखभाल केंद्र जैसी पहलें अहम हैं. 

संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फ़र्नान्डा एस्पिनोसा ने आग्रह किया कि महिलाओं और लड़कियों के प्रति होने वाली हिंसा और भेदभाव के ख़िलाफ़ अपने प्रयासों को दोगुना कर देना चाहिए.

"हमें नेतृत्व करने वाली और महिलाएं चाहिए जिनकी सार्वजनिक जीवन में हिस्सेदारी हो और जो निर्णय लेती हों."

संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था की कार्यकारी निदेशक पुमज़िले म्लाम्बो न्गुका ने चुनौतियों पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों को अब भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. और महिलाओं की ज़रूरतों  को पूरा करने और अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए अभिनव तकनीकों का सहारा लेना अहम है. 

"अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम सभी से कहेंगे कि हमारे साथ मिल कर “समान सोचें, स्मार्ट बनाएं, और बदलाव के लिए अन्वेषण (इनोवेशन) करें."

युवा मामलों की दूत जयाथमा विक्रमानायके ने कहा है कि लाखों युवा लड़कियां कामकाजी जीवन के लिए तैयार हो रही हैं लेकिन कईं बार लड़कियों को अपने सपनों को सच करने और क्षमताओं के अनुरूप विकसित होने का अवसर नहीं मिलता. इसे बदले जाने की आवश्यकता है.