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संकट में है समुद्री जीवन

2019 की विषय-वस्तु समुद्र के भीतर जीवन पर केंद्रित है.
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2019 की विषय-वस्तु समुद्र के भीतर जीवन पर केंद्रित है.

संकट में है समुद्री जीवन

एसडीजी

कई ख़तरों से जूझ रहे समुद्री जीवन पर ज़बरदस्त असर पड़ रहा है लेकिन उसके संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं. रविवार को 'विश्व वन्यजीव दिवस 2019' मनाया जा रहा है और यह पहली बार है जब इस दिवस के तहत समुद्री जीवन पर ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है. 

2019 की विषय-वस्तु समुद्र के भीतर जीवन पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य मानवीय विकास में समुद्री प्रजातियों की अहमियत के बारे में संदेश देना और भावी पीढ़ियों के लिए समुद्री जैव विविधता के संरक्षण के रास्ते बनाना है. 

समुद्री वन्यजीवन ने मानवीय सभ्यता को हज़ारों वर्षों से एक मज़बूत आधार प्रदान किया है. ये संसाधनों का एक ऐसा भंडार है जिससे रोज़मर्रा के जीवन में भोजन और निर्माण कार्य सामग्री की उपलब्धता के साथ साथ जीवन को सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और मन बहलाव के नज़रिए से संपन्न बनाना संभव हुआ है. तीन अरब से अधिक लोग आज अपनी आजीविका के लिए समुद्री और तटीय जैविक विविधता पर निर्भर हैं. 

लेकिन मानवीय गतिविधियां महासागरों के लिए और मानवीय जीवन के सामने बड़ी मुश्किलें खड़ी कर रही हैं. समुद्री प्रजातियों का अत्यधिक दोहन, प्रदूषण, तटीय पर्यावासों (हैबीटाट) का क्षरण और जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौतियां पैदा कर रहा है. एक तिहाई से ज़्यादा मछलियों के भंडार को अत्यधिक संख्या में पकड़ा जा रहा है और दुनिया में आधे से ज़्यादा मूंगे की चट्टानों या कोरल रीफ़ बढ़ते समुद्री तापमान, महासागरों के अम्लीकरण और अन्य गतिविधियों की वजह से ख़त्म हो गई हैं.

गई इन चुनौतियों से निपटने के लिए कार्ययोजना की रूपरेखा पिछले कुछ समय से उपलब्ध है. टिकाऊ विकास लक्ष्य का 14वां लक्ष्य महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों के संरक्षण पर ही आधारित है. इस लक्ष्य के तहत समुद्री प्रजातियों के व्यापार पर रोक का उल्लेख किया गया है. समुद्रों को स्वच्छ बनाने और प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए भी प्रयास हो रहे हैं.

इसके ज़रिए दुनिया में तटरेखा के 60 फ़ीसदी हिस्से को साफ़ किया जाना है और इस अभियान को 57 देशों का समर्थन प्राप्त है. साथ ही 143 सदस्य देश क्षेत्रीय कार्यक्रम के तहत टिकाऊ ढंग से तटीय और समुद्री पर्यावरण को बढ़ावा देने में जुटे हैं.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की 'वाइल्ड फॉर लाइफ़ 'मुहिम के तहत इस विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए ज़ोर-शोर से प्रयास हो रहे हैं. इसका उद्देश्य भूमि और समुद्र में वन्य जीवों के संरक्षण को बढ़ावा देना है. इसके मुहिम में अभिनेता एड्रियन ग्रेनियर भी हिस्सा ले रहे हैं जो लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण के काम में जुटे हैं और जिन्हें 2018 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से पर्यावरण के लिए 'गुडविल एम्बैसेडर' के तौर पर चुना गया था.   

यूएन न्यूज़ के साथ बातचीत में  एड्रियन ग्रेनियर ने कहा कि महासागरों और समुद्री जीवन को बचाने के लिए सभी जन अपना योगदान दे सकते हैं. “मछलियों को अत्यधिक संख्या में पकड़ा जाना एक समस्या है इसलिए हम इसे कम करने का प्रयास कर रहे हैं. यह सोचिए कि भोजन कहां से आता है और फिर सुनिश्चित कीजिए कि यह जैविक हो. कई बार फ़सलों पर रसायनों और कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है जो बह कर नदियों में चला जाता है और समुद्र को  ज़हरीला बना सकता है.”  
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2013 में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी जिसका लक्ष्य दुनिया के वन्य जीवों और पौधों के महत्व को समझने और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाना था.