टिकाऊ विकास लक्ष्य-4: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

पिछले कुछ दशकों में शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने में अहम प्रगति हुई है लेकिन ग़रीबी, हिंसक संघर्षों और अन्य आपात हालात के चलते कईं देशों में अब भी इस दिशा में चुनौतियां बनी हुई हैं. 2030 टिकाऊ विकास एजेंडे का चौथा लक्ष्य सर्वजन के लिए गुणवत्तापरक और समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने पर ही केंद्रित है.
आज दुनिया में ज्ञान प्राप्त करने के पहले से कहीं अधिक अवसर हैं लेकिन सभी उनका लाभ नहीं उठा सकते. अनेक देशों ने सभी स्तरों पर शिक्षा की सुलभता बढ़ाने और स्कूलों में भर्ती दरों में वृद्धि करने में बहुत प्रगति की है और बुनियादी साक्षरता कौशल में भी ज़बरदस्त सुधार हुआ है.
15-24 वर्ष की आयु के युवा वर्ग में दुनिया भर में 1990 और 2016 के बीच साक्षरता सुधरी है. यह दर 83 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत हो गई है. प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा पूरी करने वाले बच्चों की दर 89.6 फ़ीसदी है हालांकि 2012 में वह 90.7 प्रतिशत थी.
गिने-चुने देशों ने ही शिक्षा के सभी स्तरों पर लैंगिक समानता हासिल की है. हर पांच में से एक बच्चा, किशोर और युवा स्कूल से बाहर है. इनमें प्राथमिक स्कूल जाने की उम्र वाले छह करोड़ से अधिक बच्चे, निचले माध्यमिक स्कूलों की उम्र वाले छह करोड़ और ऊपरी माध्यमिक स्कूल की उम्र वाले 13 करोड़ से ज़्यादा बच्चे शामिल हैं.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा टिकाऊ विकास की बुनियाद है, इसीलिए टिकाऊ विकास लक्ष्य की बुनियाद भी है. नीतिगत हस्तक्षेप के तौर पर शिक्षा एक ऐसा ज़रिया है जो आत्मनिर्भर बनाता है, कौशल में वृद्धि से आर्थिक वृद्धि बढ़ाने में सहायक है और बेहतर आजीविका के लिए अवसर खोलकर लोगों के जीवन स्तर में सुधार कर सकता है.
भारत में प्राथमिक शिक्षा सर्व सुलभ कराने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. प्राइमरी और प्रारंभिक, दोनों स्तर के स्कूलों में लड़कियों की भर्ती और शिक्षा पूरी करने में सुधार हुआ है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और टिकाऊ विकास लक्ष्य-4, दोनों का उद्देश्य सबके लिए उत्तम शिक्षा और आजीवन सीखने की सुविधा देना है.
सरकार की प्रमुख योजना सर्व शिक्षा अभियान का उद्देश्य सभी भारतीयों के लिए सर्व सुलभ उत्तम शिक्षा प्रदान करना है, इस प्रयास में पोषित आहार, उच्चतर शिक्षा और शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़ी अन्य लक्षित योजनाओं से सहारा मिलता है.
- 2030 तक सुनिश्चित करना कि सभी लड़कियां और लड़के मुफ़्त, बराबर और उत्तम प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पूरी करें जिससे चौथे लक्ष्य के लिए उपयुक्त और प्रभावकारी परिणाम हासिल हो सकें
- सुनिश्चित करना कि सभी लड़कियों और लड़कों को बचपन में ही उत्तम विकास, देखभाल और प्राथमिक पूर्व शिक्षा सुलभ हो जिससे वे प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार हो सकें
- 2030 तक सुनिश्चित करना कि सभी महिलाओं और पुरुषों को किफ़ायती और गुणवत्तापूर्ण तकनीकी, व्यावसायिक और स्नातक/स्नातकोत्तर शिक्षा, विश्वविद्यालय सहित बराबरी के आधार पर सुलभ हो
- 2030 तक ऐसे युवाओं और वयस्कों की संख्या में काफ़ी हद तक वृद्धि करना जिनके पास रोजगार, अच्छी नौकरी और उद्यमिता के लिए तकनीकी और व्यावसायिक कौशल सहित उपयुक्त कौशल हों
- 2030 तक शिक्षा में लड़कियों और लड़कों के बीच विषमता पूरी तरह समाप्त करना और विकलांग व्यक्तियों, मूल निवासियों और संकट की परिस्थितियों में घिरे बच्चों सहित सभी के लिए शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के सभी स्तरों तक समान पहुंच सुनिश्चित करना
- 2030 तक सुनिश्चित करना कि सभी युवा और वयस्कों का एक बड़ा अनुपात (पुरुष और महिला सहित) साक्षर हो जाएं और गणना करना सीख लें
- 2030 तक सुनिश्चित करना कि सीखने वाले सभी लोग टिकाऊ विकास को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त कर लें. इसमें अन्य बातों के अलावा टिकाऊ विकास और टिकाऊ जीवन शैली, मानव अधिकारों, लैंगिक समानता, शांति और अहिंसा की संस्कृति को प्रोत्साहन, वैश्विक नागरिकता, सांस्कृतिक विविधता की समझ और टिकाऊ विकास में संस्कृति के योगदान के बारे में शिक्षा प्राप्त करना शामिल है
- ऐसी शिक्षण सुविधाओं का निर्माण करना और उन्हें उन्नत करना जो बाल, विकलांगता और लैंगिक संवेदी हों तथा सबके लिए सुरक्षित, अहिंसक, समावेशी और सीखने का असरदार माहौल प्रदान कर सकें
- 2020 तक दुनिया भर में विकासशील देशों, ख़ासकर सबसे कम विकसित देशों, लघु द्वीपीय विकासशील देशों और अफ़्रीकी देशों के लिए उपलब्ध छात्रवृत्तियों की संख्या में उल्लेखनीय विस्तार करना जिससे इन देशों के लोग व्यावसायिक प्रशिक्षण, सूचना एवं संचार तकनीक, तकनीकी, इंजीनियरिंगऔर वैज्ञानिक कार्यक्रमों में विकसित देशों और अन्य विकासशील देशों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें
- 2030 तक योग्य शिक्षकों की आपूर्ति में उल्लेखनीय वृद्धि करना. इसके लिए विकासशील देशों, विशेषकर सबसे कम विकसित देशों और लघु द्वीपीय विकासशील देशों में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जुटाना शामिल है
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