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मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में शांति समझौते पर रज़ामंदी

शांति अभियान के लिए संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव ज्यां पियरे लैकरोआ और शांति और सुरक्षा के लिए अफ़्रीकी संघ आयुक्त स्मेल चेरगुई.
UN/MINUSCA
शांति अभियान के लिए संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव ज्यां पियरे लैकरोआ और शांति और सुरक्षा के लिए अफ़्रीकी संघ आयुक्त स्मेल चेरगुई.

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में शांति समझौते पर रज़ामंदी

शान्ति और सुरक्षा

दस दिनों तक चली बातचीत के बाद मध्य अफ़्रीकी गणराज्य की सरकार और 14 हथियाबंद गुटों में शनिवार को एक शांति समझौते पर सहमति हो गई. अफ़्रीकी गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र मिशन (MINUSCA) ने एक ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी है. 

सूडान की राजधानी खार्तूम में हुई वार्ता में प्रगति के बाद शांति अभियान के प्रमुख ज्यां पियरे लाक्रोआ ने ट्विटर पर कहा, “शांति समझौते को लागू करने में समर्थन जुटाने के लिए आइए हम मिलजुलकर प्रयास करें.” 

संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से और अफ़्रीकी संघ की अगुवाई में शांति और मेलमिलाप के लिए मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में शुरू हुई पहल के बाद ही यह समझौता संभव हो पाया है. स्थिरता लाने के प्रयासों पर केंद्रित यूएन मिशन (MINUSCA) ने शांति और सुरक्षा के लिए अफ़्रीकी संघ आयुक्त स्मेल चेरगुई के हवाले से जानकारी दी कि खार्तूम वार्ता में दोनों पक्षों ने उल्लेखनीय सहयोग का परिचय दिया. “मध्य अफ़्रीकी गणराज्य और स्थानीय लोगों के लिए यह एक महान दिन है.”

अफ़्रीकी गणराज्य की सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे फ़िरमीन न्ग्रेबड ने भरोसा दिलाया कि वह जिन भाईयों ने हथियार उठा लिए थे उनकी चिंताओं के समाधान के लिए उनकी सरकार पूरी तरह मिलकर काम करेगी. “इस समझौते के ज़रिए लोगों के लिए मेलमिलाप, विकास और आपसी सामंजस्य के रास्ते पर चलना आसान हो गया है.”

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों से जुड़ी एजेंसी (OCHA) के मुताबिक 2019 में 29 लाख लोगों को देश में मानवीय राहत और संरक्षण में मदद की ज़रूरत होगी. इनमें आधे से अधिक बच्चे हैं. कुल जनसंख्या 46 लाख है लेकिन 63 फ़ीसदी जनता को किसी न किसी रूप में सहायता चाहिए. सुरक्षा, मानवीय हालात, मानवाधिकार और राजनीतिक संकट के चलते यूएन मिशन ने 2014 में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में काम शुरू किया था.