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"घर छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं"

पिछले दो हफ़्तों में उत्तर-पूर्वी सीमा से भागकर 35 हज़ार नाईजीरियाई लोगों ने कैमरुन में शरण ली है.
UN Photo/Eskinder Debebe
पिछले दो हफ़्तों में उत्तर-पूर्वी सीमा से भागकर 35 हज़ार नाईजीरियाई लोगों ने कैमरुन में शरण ली है.

"घर छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं"

मानवीय सहायता

नाईजीरिया में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बोको हराम के हमलों से घबराए 35 हज़ार लोगों ने सुरक्षित स्थान की तलाश में कैमरुन के गऊरा में शरण ली है. कैमरुन में यूएन अधिकारी  अलेग्रा बायओची ने कहा है कि अगर लोगों को जिंदा रहना है तो उन्हें वहीं रहना चाहिए.

 

हबीबी तुजुम के रहने की जगह इतनी छोटी है कि उन्हें उसमें रेंग कर चलना पड़ता है. बोको हराम के लगातार हमलों के चलते वो नाईजीरिया के रन्न गांव से यहां शिविर में पहुंची है जो सीमा से सात किलोमीटर दूर है.

संयुक्त राष्ट्र समाचार को हबीबी तुजुम ने बताया, "वे आए और उन्होंने कईं लोगों को मार दिया और पूरे कस्बे में आग लगा दी.  हर कोई डर गया था इसलिए हम यहां आ गए जहां सुरक्षा है." हबीबी तुजुम उन 35 हज़ार लोगों में से एक हैं जो पिछले दो हफ़्तों में बोको हराम संगठन के चरमपंथी लड़ाकों के बार बार हमला करने से परेशन होकर रन्न छोड़कर चले गए हैं. 

प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बोको हराम नाईजीरिया के इस हिस्से में पिछले एक दशक से सक्रिय है. नाईजीरिया, कैमरुन और चाड के सीमावर्ती इलाक़ों में हज़ारों लोग बोको हराम के लड़ाकों का शिकार बने हैं. उनके रोज़गार हिंसा की वजह से ठप्प हो गए हैं और क्षेत्रीय सरकारें जारी हिंसा पर नियंत्रण पाने में विफल रही हैं. 

एक हमले के बाद बहुराष्ट्रीय संयुक्त टास्क फ़ोर्स इलाक़े में सुरक्षा प्रदान करने के लिए आई थी लेकिन उसके वहां से हटने के बाद ही लोग घर छोड़ कर चले गए. इस टास्क फ़ोर्स का गठन बोको हराम की हिंसा से प्रभावित देशों ने किया है जिनमें कैमरुन, चाड, नाईजीरिया, निजेर और बेनिन शामिल हैं. यह उन गुटों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई कर रही है जिनका क्षेत्र में प्रभाव बढ़ रहा है. 

केलअु मालोम ने बताया कि "जब सुरक्ष बल चले गए तो वहां से जाने के अलावा हमारे पास कोई और चारा नहीं बचा था. मेरा भाई मर चुका है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह बोको हराम को मुझसे और मेरे परिवार से दूर रखेगा."

वापस लौटना चुनौतीपूर्ण

कैमरुन में फ़िलहाल 35 हज़ार नाईजीरियाई शरणार्थी सुरक्षित हैं लेकिन रन्न पैदल लौटने की कोशिश में कुछ अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. वे घरों से कुछ ज़रूरी वस्तुओं को लाना चाहते हैं जिनकी लूटपाट नहीं हुई या फिर जो जलाई नहीं गईं. 

कैमरुन में संयुक्त राष्ट्र के रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर अलेग्रा बायोची ने यूएन समाचार को बताया, "मैंने कईं डरे हुए लोगों को यहां देखा है जिनका जीवन बोको हराम ने तबाह कर दिया है. जो लोग यहां आए हैं उनके पास कोई विकल्प नहीं है. अगर उन्हें ज़िंदा रहना है तो उन्हें यहीं रहना होगा."

सुरक्षा की तलाश में आने वाले लोगों की संख्या में एकदम हुई बढ़ोत्तरी के चलते संयुक्त राष्ट्र और साझेदारों ने राहत प्रयास तेज़ कर दिए हैं. अस्थायी कैंप बनाकर ज़रूरी सुविधाएं दी जा रही हैं और 13 हज़ार लोगों को राशन मुहैया कराया गया है और पंजीकृत शरणार्थियों को 6 लीटर साफ़ पानी भी मिल रहा है. 

कैमरुन में यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख अधिकारी गीएर्ट फान डे कास्टील ने कहा कि "मानवीय राहत कर्मचारियों ने बेहद अच्छे ढंग से स्थिति को संभाला है. स्थानीय लोगों की ज़रूरत को ध्यान में रखकर हमें अपने प्रयासों को और बढ़ाने की आवश्यकता है."