कांगो: सामुदायिक हिंसा में मारे गए लोगों की कब्रें मिलीं
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पश्चिमी हिस्से में दिसंबर महीने में बड़े पैमाने पर हिंसा की रिपोर्टों के बाद संयुक्त राष्ट्र की प्रारंभिक जांच में 535 लोगों के मारे जाने की बात सामने आई है. हिंसा प्रभावित इलाक़े में कईं स्थानों पर लोगों को दफ़नाए जाने का पता चला है. कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन (MONUSCO) के अनुसार ये हत्याएं सुनियोजित ढंग से की गईं.
कुछ हफ़्ते पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशलेट ने कहा था कि उन्हें विश्वसनीय रिपोर्ट मिली हैं कि यूम्बी में सैकड़ों लोगों की सामुदायिक हिंसा में मौत हुई. 16 दिसंबर को शुरू हुई यह हिंसा कईं दिनों तक चली. स्तब्ध कर देने वाली हिंसा की निंदा करते हुए उन्होंने घटना की जांच कराने और दोषियों को सज़ा दिलाने की मांग की थी.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय और यूएन मिशन द्वारा की गई संयुक्त जांच में सामने आया है कि 100 से ज़्यादा गांववाले हिंसा में घायल भी हुए हैं. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हिंसा के लिए ज़िम्मेदार कौन है लेकिन मिशन का कहना है कि हमले संगठित और सुनियोजित ढंग से किए गए हैं. हिंसा बहुत ज़्यादा और तेज़ी से हुए और लोगों के पास भाग कर जाने का मौक़ा नहीं था.
बनुनु समुदाय से संबंध रखने वाले एक प्रमुख की मौत के बाद उन्हें दफ़नाए जाने के मामले पर विवाद के बाद हिंसा हुई.
मिशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि "टीम ने 59 जगहों की पहचान की है जहां हमलों के बाद लोगों को दफ़नाया गया लेकिन और जगहों के होने की संभावना से हम इंकार नहीं करते हैं. 967 संपत्तियां जिनमें चर्च, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं उन्हें लूटा गया और नुक़सान पहुंचाया गया." 363 नावें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.
कुछ जगहों की खुदाई के बाद आशंका जताई गई है कि उसमें दर्जनों शव थे. करीब 16 हज़ार लोग यूम्बी से भागकर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं और कुछ ने पड़ोसी देशों में शरण मांगी है. मिशन के अनुसार हालात फ़िलहाल शांत है और राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को क्षेत्र में तैनात कर दिया गया है.
संयुक्त राष्ट्र और मानवीय राहत के काम से जुड़े साझेदारों ने आपात मदद के लिए दवाईयां, भोजन, पानी और मलेरिया किट भेजी हैं.
यह हिंसा राष्ट्रपति चुनावों के कुछ ही दिन पहले हुई जिसके चलते यूम्बी में लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए. इलाक़े में चुनाव आयोग की इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी.
यूएन मिशन ने कड़े शब्दों में हिंसा की निंदा की है और मामले की पूरी जांच कराने की मांग की है. साथ ही स्थानीय प्रशासन को जांच कार्य में मदद का पूरा भरोसा दिलाया है.
पूर्वी हिस्से में ईबोला का प्रकोप
पूर्वी कांगो में घातक ईबोला वायरस बड़े पैमाने पर फैल रहा है. 6 महीने पहले यह वायरस फैलना शुरू हुआ जो कांगो के इतिहास में सबसे बड़े पैमाने पर फैला है.
740 से ज़्यादा लोग इससे ग्रस्त हैं और 460 की मौत हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने कहा है कि पीड़ितों की मदद के लिए अभियान का स्तर व्यापक किया जा रहा है. सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन ईबोला पर नियंत्रण पाने के अभियान के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं.
देश में असुरक्षा, प्रभावित इलाक़ों में लोगों की आवाजाही और कुछ समुदायों में प्रतिरोध के चलते ईबोला मामलों में क़ाबू पाने में मुश्किलें पेश आ रही हैं.