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'जीवन बदल देती है शिक्षा'

गिनी-बिसाऊ के पोन्टा नोवा गांव में आठ साल की एक बच्ची अपने स्कूल में.
UNICEF/Pirozzi
गिनी-बिसाऊ के पोन्टा नोवा गांव में आठ साल की एक बच्ची अपने स्कूल में.

'जीवन बदल देती है शिक्षा'

एसडीजी

टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर आधारित 2030 एजेंडा के केंद्र में  शिक्षा है क्योंकि यह सभी को हुनर विकसित करने का अवसर प्रदान करती है और अन्य लक्ष्यों को पाने में अहम भूमिका निभा सकती है. दुनिया में पहली बार मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शिक्षा की अहमियत पर ज़ोर दिया है.  

पुर्तगाल के लिस्बन शहर की झुग्गियों में पढ़ाने की  अपनी यादों को साझा करते हुए गुटेरेश ने बताया कि उस समय उन्होंने नज़दीक से जाना कि ग़रीबी उन्मूलन और शांति कायम करने के लिए शिक्षा कितनी अहम है. "शिक्षा ज़िदगी को बदल देती है."

टिकाऊ विकास लक्ष्यों में शिक्षा एक ऐसे आधार के रूप में भूमिका निभाती है जिससे अन्य लक्ष्यों तक पहुंचने का रास्ता आसान हो सकता है.

शिक्षा के ज़रिए ही असमानता कम करने, स्वास्थ्य में बेहतरी लाने, लैंगिक समानता पाने, नफ़रत भरे भाषणों से निपटने, असहिष्णुता और विदेशियों को पसंद न करने की भावना पर काबू करने, पृथ्वी के संसाधनों की रक्षा करने और वैश्विक नागरिकता की भावना को पुष्ट करने में मदद मिल सकती है. 

उन्होंने चेताया कि इसके बावजूद "दुनिया में 26 करोड़ से ज़्यादा बच्चे, किशोर और युवा स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं. इनमें अधिकतर लड़किया हैं. लाखों बच्चे जो स्कूल जाते हैं वह बुनियादी बातों पर ढंग से ज्ञान प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं."

शिक्षा से वंचित रह जाने को मानवाधिकार हनन करार देते हुए महासचिव गुटेरेश ने कहा कि हम ऐसी युवा पीढ़ी का बोझ नहीं उठा सकते जिसमें 21वीं शताब्दी में अर्थव्यवस्था की ज़रूरतों को पूरा करने की क्षमता न हो और न ही आधी मानवता को पीछे छोड़ा जा सकता है. 

"शिक्षा को जन-जन तक  पहुंचाने के लिए इसे प्राथमिकता देने की आवश्यकता है. सहयोग के ज़रिए समर्थन देने, साझेदारी और वित्तीय मदद मुहैया कराने, और यह समझने की किसी को पीछे न छोड़ने का काम शिक्षा से ही शुरू होता है."

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की महानिदेशक ऑड्री अज़ोले ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस अपने आधारभूत सिद्धांतों को फिर से मज़बूत करने का एक अवसर है.

"शिक्षा एक मानवाधिकार है, सभी के उपयोग के लिए है और सार्वजनिक ज़िम्मेदारी है. यह एक ऐसी शक्ति है जिससे स्वास्थ्य बेहतर बनाने, आर्थिक विकास को तेज़ करने, संभावनाओं का द्वार खोलने और अभिनव विचारों की मदद से टिकाऊ और लचीले समाज को बनाया जा सकता है."