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सूडान: प्रदर्शनकारियों पर 'अत्यधिक बल प्रयोग से यूएन चिंतित'

सूडान की राजधानी खार्तूम का एक दृश्य.
WFP/Abeer Etefa
सूडान की राजधानी खार्तूम का एक दृश्य.

सूडान: प्रदर्शनकारियों पर 'अत्यधिक बल प्रयोग से यूएन चिंतित'

मानवाधिकार

सूडान में खाद्य पदार्थों और ईंधन की किल्लत का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ ज़रूरत से ज़्यादा बल प्रयोग किए जाने और प्रदर्शनों में 24 लोगों की मौत पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने गहरी चिंता ज़ाहिर की है. 

सूडान प्रशासन से हिंसक कार्रवाई से परहेज़ करने का आग्रह करते हुए यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशलेट ने कहा कि उन्हें विश्वस्त रिपोर्टें मिली हैं जिनके मुताबिक मृतकों की संख्या सरकारी आंकड़ों से दुगुनी हो सकती हैं. माना जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने गोलियां चलाई और अस्पताल में शरण लेने वाले प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए.

"दमनकारी कार्रवाई से स्थिति और बिगड़ सकती है." बाशलेट ने अपने बयान में सूडान के राष्ट्रपति उमर अल बशीर से हिंसक कार्रवाई के आरोपों की तत्काल, पूर्ण और पारदर्शी जांच कराने का आग्रह किया है.

"19 दिसंबर से देश के कईं हिस्सों में बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए सूडानी सुरक्षा बलों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग किए जाने की रिपोर्टों से मैं बेहद चिंतित हूं. "

सूडान के 12 शहरों में अब तक प्रदर्शनों में कथित रूप से शामिल 816 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है जिनमें पत्रकार, विपक्षी नेता और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल हैं. 

यूएन हाईकमिश्नर ने मनमाने तरीक़े से शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होकर अभिव्यक्ति के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे लोगों की तत्काल रिहाई और उनके अधिकारों की रक्षा करने की अपील की है. "सरकार को यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि प्रदर्शनों के दौरान कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों के अनुरूप हो."

उन्होंने प्रशासन से संवाद के ज़रिए तनाव को ख़त्म करने और सभी पक्षों से हिंसा से दूर रहने का अनुरोध किया है. सूडान के ख़िलाफ़ 2017 तक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे थे लेकिन उसके बाद से सरकार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रक्रियाओं का पालन कर रही है जिसमें मानवाधिकार समिति प्रमुख है.