वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

थाईलैंड में शरण मांग रही सऊदी महिला नागरिक अब सुरक्षित

सऊदी अरब की नागरिक रहाफ़ मोहम्मद अल क़ुनुन बैंकाक के एक होटल में ट्विटर पर सक्रिय रहीूं.
Rahaf Mohammed Al-qunun
सऊदी अरब की नागरिक रहाफ़ मोहम्मद अल क़ुनुन बैंकाक के एक होटल में ट्विटर पर सक्रिय रहीूं.

थाईलैंड में शरण मांग रही सऊदी महिला नागरिक अब सुरक्षित

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि 18 वर्षीय सऊदी महिला नागरिक रहाफ़ मोहम्मद अल क़ुनुन अब सुरक्षित स्थान पर पहुंच चुकी हैं. कुवैत में अपने परिवार से भाग कर आई रहाफ़ को थाईलैंड के बैंकॉक हवाई अड्डे पर रोक लिया गया था. रहाफ़ ने दावा किया है कि उन्हें अगर कुवैत वापस भेजा गया तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा. 

मीडिया ख़बरों के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) को रहाफ़ से मिलने की अनुमति दे दी है ताकि शरण मांगने के उनके दावे को परखा जा सके. 

इससे पहले जारी एक बयान में एजेंसी ने कहा था कि वो पिछले 48 घंटों से जारी घटनाक्रम पर नज़र रखे हुए है और थाई प्रशासन से रहाफ़ से मिलाने का अनुरोध कर चुकी है. 

रहाफ़ ने मीडिया और मानवाधिकार संगठनों को बताया कि कुवैत से आते समय उन्हें बैंकॉक हवाई अड्डे पर रोकने के बाद उनका पासपोर्ट ले लिया गया.

उनका दावा है कि वह अपने परिवार से भागकर ऑस्ट्रेलिया जाकर वहां शरण मांगने की तैयारी में थीं. 

रहाफ़ ने रविवार को थाईलैंड के एक होटल के कमरे में ख़ुद को बंद कर लिया था ताकि थाई प्रशासन उन्हें वापस कुवैत भेजे जाने की कार्रवाई न कर पाए. 

यूएन एजेंसी का कहना है कि सुरक्षा और सलामती की गुहार लगाने वाले लोगों को जबरन उन देशों में वापस भेजे जाने के ख़िलाफ़ है जहां उनकी जान या आज़ादी को ख़तरा हो. यह सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय क़ानून का अहम हिस्सा है और थाईलैंड भी इस दायित्व से बंधा है. 

हालांकि थाईलैंड 1951 में हुई संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संधि और 1967 में जारी किए गए प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं है जिसके तहत किसी व्यक्ति को शरणार्थी का दर्जा देने की शर्तों की जाँच-परख की जाती है.  

शरणार्थी एजेंसी ने गोपनीयता और सुरक्षा कारणों की वजह से यह सार्वजनिक नहीं किया है कि होटल में सऊदी महिला के साथ क्या बातचीत हुई. 

एजेंसी की वरिष्ठ सूचना अधिकारी सेसिल पुई ने बताया, "अब वह होटल से बाहर आ चुकी हैं और सुरक्षित स्थान पर हैं. भावनात्मक रूप से परेशान होने और मुश्किल हालात का सामना करने की वजह से  उन्हें  आराम की ज़रूरत है. लेकिन आने वाले दिनों में उनसे फिर मुलाक़ात करके उन्हें संरक्षण दिए जाने पर विचार किया जाएगा.