ब्रेल दिवस पर नेत्रहीनों के मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता पर ज़ोर
दृष्टिबाधिता से पीड़ित लोगो के मानवाधिकारों और ब्रेल लिपि के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक रूप से पहली बार विश्व ब्रेल दिवस मना रहा है. दुनिया भर में एक अरब से ज़्यादा लोग नेत्रहीनता या मंददृष्टि से पीड़ित हैं. अब से हर बार यह दिवस 4 जनवरी को मनाया जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र आमसभा ने पिछले साल नवंबर में नेत्रहीन और मंददृष्टि के शिकार लोगों के मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए इस दिवस की घोषणा की थी. उनके मूलभूत अधिकारों के प्रसार के लिए ब्रेल लिपि अहम भूमिका निभाने में सक्षम है.
4 जनवरी फ्रांस के लुई ब्रेल का जन्मदिवस है जिन्होंने 1821 में इस लिपि की खोज की थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि आम लोगों की तुलना में दृष्टिहीनता से पीड़ितों के ग़रीबी और आर्थिक असमानता से प्रभावित होने की संभावना ज़्यादा होती है.
दुनिया भर में क़रीब चार करोड़ लोग अंधेपन का शिकार हैं जबकि 25 करोड़ से अधिक किसी न किसी रूप में दृष्टिबाधिता से पीड़ित हैं. ऐसे लोगों के लिए ब्रेल लिपि एक ऐसा महत्वूर्ण माध्यम है जिसके ज़रिए नेत्रहीनता और मंददृष्टि के शिकार लोग आम जानकारी को पढ़ और समझ सकते हैं.
ब्रेल लिपि में हर अक्षर, नंबर, संगीत संबंधित और गणितीय चिन्हों को दर्शाने के लिए छह बिन्दु होते हैं. इन बिंदुओं को विभिन्न प्रकार से क्रमों में संयोजित किया जा सकता है जिनके ऊपर उंगलिया फिराकर पढ़ा जा सकता है.
नेत्रहीनों के लिए समता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए इस लिपि ने मदद की है.
शारीरिक अक्षमता से पीड़ितों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संधि (CPRD) के अंतर्गत ब्रेल लिपि को संचार का माध्यम माना गया है. एक ऐसा माध्यम जो शिक्षा, अभिव्यक्ति और विचारों की आज़ादी, सूचना पहुंचाने और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए बेहद ज़रूरी है.
विकलांगों के लिए सुलभ और समावेशी समाज के निर्माण के लिए संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल विकलांगता और विकास परअपनी पहली रिपोर्ट जारी की थी. अंतरराष्ट्रीय विकलांगता दिवस के अवसर पर इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से विकलांगों के लिए बेहतर समाज बनाने कीअपील की थी.
"समावेशी और समान दुनिया बनाने के लिए इए हम मिलकर काम करने का संकल्प लें जहां विकलांगों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जाएगा."