वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

'लोगों की न्यायसंगत मांगों पर विचार करे सूडान सरकार'

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सूडान का ध्वज.
United Nations
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सूडान का ध्वज.

'लोगों की न्यायसंगत मांगों पर विचार करे सूडान सरकार'

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने रोटी और ईंधन के दाम बढ़ने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के ख़िलाफ़अत्यधिक बल प्रयोग पर चिंता जताई है. उन्होंने इसे  शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होने के अधिकार का हनन बताया है. 

यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने हिंसा के लिए सूडानी सुरक्षाकर्मियों को ज़िम्मेदार ठहरा रही उन रिपोर्टों की ओर ध्यान आकृष्ट किया है जिनके अनुसार अब तक हुई हिंसा में 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है.  शुक्रवार को राजधानी खार्तूम के पास हुए प्रदर्शनों में आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. 

सूडान में घटनाओं पर नजर रख रहे मानवाधिकार विशेषज्ञ क्लेमेन न्यालेत्सुसी वुली ने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होने का अधिकार लोकतंत्र में रचा बसा है. प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ गोलियों के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि सूडान सरकार को लोगों की जायज़ मांगों पर विचार करना चाहिए. 

वही आरिस्टिड नोनोन्सी ने कहा है कि विरोध प्रदर्शनों से इतने घातक ढंग से नहीं निपटा जाना चाहिए था. 

"मतभिन्नता के प्रति सहिष्णुता बरती जानी चाहिए न कि बल प्रयोग कर उसका दमन करने की कोशिश होनी चाहिए जिससे जान की हानि हो. मैं मज़बूत ढंग से सूडान के सुरक्षाकर्मियों से आग्रह करूंगा कि हिंसा को बढ़ने से रोकें और प्रदर्शनकारियों की सलामती के लिए तत्काल कार्रवाई करें."

छात्रों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं सहित मनमाने ढंग से अन्य लोगों को हिरासत में लिए जाने पर भी यूएन विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है और उन्हें रिहा करने और हिंसा की व्यापक जांच कराए जाने की अपील की है. 

उन्होंने ध्यान दिलाया है कि मई 2016 में सूडान सरकार ने एक ऐसा वातावरण तैयार करने का संकल्प लिया था जिससे समावेशी संवाद और न्यायिक सुधारों के लिए जगह बनाई जानी थी.  उनके अनुसार हाल के दिनों में जिस तरह से घटनाक्रम  बदला है वह सरकार की वचनबद्धता को नहीं दर्शाता.  

विशेषज्ञों ने कहा है कि मानवाधिकारों की रक्षा के लिए क़ानून का राज स्थापित करने के लिए वे सूडान प्रशासन के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं.

रिपोर्टों के मुताबिक़ प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति उमर अल बशीर  के 27 साल से चले आ रहे शासन के अंत की मांग कर रहे हैं.  इस साल दामों में ज़ोरदार बढ़ोत्तरी देखने को मिली है, महंगाई में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है वहीं सूडानी मुद्रा पाउंड की कीमत में गिरावट आई है.