जलवायु परिवर्तन के बारे में ठोस कार्रवाई करने के इरादे से, देशों ने वर्ष 2015 में पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. वर्ष 2020 में उस समझौते को 5 पाँच वर्ष पूरे हो रहे हैं. ये देखना दिलचस्प है कि दुनिया ने, जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के बारे में, इन 5 वर्षों के दौरान क्या क़दम उठाए हैं, या संकल्प व्यक्त किये हैं. इसी मुद्दे पर 12 दिसम्बर को "जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020" हो रहा है. कुछ प्रासंगिक सामग्री यहाँ संकलित है...
Climate Ambition Summit 2020
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये अधिक प्रयास करने होंगे
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) के न्यूयॉर्क कार्यालय के प्रमुख और सहायक महासचिव, सत्या त्रिपाठी का मानना है कि हालाँकि बहुत से देश, जलवायु आपातस्थिति से निपटने के लिये अनेक सार्थक क़दम उठा रहे हैं, लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाक़ी है. सत्या त्रिपाठी ने, यूएन न्यूज़-हिन्दी की प्रतिष्ठा जैन के साथ एक ख़ास बातचीत में, शनिवार को होने वाले वर्चुअल जलवायु सम्मेलन के बारे में विस्तार से बातचीत की...
स्वच्छ ऊर्जा ही उज्जवल भविष्य का मूल मन्त्र
पेरिस जलवायु समझौते को इस वर्ष पाँच साल पूरे हो गए हैं. 2015 में इस ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देश शनिवार, 12 दिसम्बर को एक वर्चुअल जलवायु महत्वाकाँक्षी शिखर सम्मेलन में एकजुट हो रहे हैं.
इस सम्मेलन में, आने वाले पाँच वर्षों के लक्ष्य परिभाषित किये जाएँगे, जो संभवत: अगले साल नवम्बर में स्कॉटलैण्ड के ग्लास्गो शहर में होने वाले कॉप26 सम्मेलन के लिये भविष्य का रास्ता तय करने में मदद करेंगे.
शून्य उत्सर्जन की दिशा में विकासशील देश भी बहुत अहम क़दम उठा रहे हैं, जो कोविड-19 के पुनर्बहाली के लिये आबण्टित प्रोत्साहन पैकेजों में स्पष्ट दिखाई देते हैं.
नवीन यूएन जलवायु पहल
यूएन जलवायु सम्मेलन-2019 से उत्पन्न अनेक पहलें, जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ लड़ाई में प्रगति दर्ज कर रही हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाक़ी है. जलवायु कार्रवाई गठबन्धन, नैट-ज़ीरो की दौड़ का नेतृत्व कर रहा है. एक झलक...