2020 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना को 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा का वार्षिक सितम्बर में होता है और वर्ष 2020 का ये 75वाँ सत्र कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में पहली बार वर्चुअल हो रहा है. इस ऐतिहासिक सत्र में वैश्विक महामारी, जलवायु संकट और बढ़ती असमानता के परिप्रेक्ष्य में, दुनिया भर के नेता, वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिये वर्चुअल चर्चा में भाग लेंगे. यूएन महासभा के 75वें सत्र से जुड़ी कुछ सामग्री यहाँ संकलित है...
UNGA 75
75वाँ सत्र: अफ़ग़ान राष्ट्रपति ने पेश की यूएन मूल्यों को आगे बढ़ाने की ‘सुस्पष्ट योजना’
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने बुधवार को यूएन महासभा के 75वें सत्र को अपने सम्बोधन में कहा कि उनका देश अगले पाँच सालों के लिये संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिये एक सुस्पष्ट योजना के साथ आगे बढ़ रहा है जो देश के संविधान में भी निहित हैं.
यूएन महासभा का 360 डिग्री नज़ारा
संयुक्त राष्ट्र महासभा विश्व पंचायत का काम करती है जहाँ सभी देशों के नेताओं को अपनी बात कहने के लिये मंच मिलता है. महासभा एक स्थान है जहाँ हर देश को समान महत्व व दर्जा हासिल है और किसी भी प्रस्ताव ये मुद्दे पर सभी देशों को मतदान का बराबर अधिकार है. यहाँ देखिये महासभा का 360 डिग्री नज़ारा, कवि डब्ल्यू एच ऑडेन की एक प्रशंसा कविता के साथ...
75वाँ सत्र: सऊदी शाह ने कोविड-19 महामारी पर जवाबी कार्रवाई में योगदान को रेखांकित किया
सऊदी अरब ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के विनाशकारी प्रभावों से जूझ रहे देशों की मदद और वैश्विक स्तर पर जवाबी कार्रवाई को मज़बूती देने के अपने प्रयास जारी रखे हैं. शाह सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-सऊद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के लिये रिकॉर्ड किये गए वीडियो सन्देश में बुधवार को यह बात कही है.
75वाँ सत्र: पुतिन ने कहा, 'इतिहास से मिले सबक को नज़रअन्दाज़' करना अदूरदर्शिता
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को यूएन महासभा के 75वें सत्र में वार्षिक जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से गम्भीर मुद्दों पर सहयोग मज़बूत करने का आहवान किया. साथ ही, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संगठन ने चार्टर का पालन करते हुए, युद्ध के बाद शान्ति सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है.
75वाँ सत्र: फ्राँस का बहुपक्षीय प्रणाली को पुनर्जीवित करने पर ज़ोर
फ्राँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राँ ने संयुक्त राष्ट्र की 75वीं महासभा की वार्षिक उच्च स्तरीय बहस के दौरान मंगलवार को ज़ोर देकर कहा कि कोरोनोवायरस महामारी से निपटने के लिये राष्ट्रों के बीच सहयोग बेहद ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि महामारी को संयुक्त राष्ट्र को जगाने के लिये एक "बिजली के झटके" की तरह के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिये.
75वाँ सत्र: ईरान अमेरिकी चुनावों और घरेलू राजनीति में ‘मोलभाव का मुद्दा नहीं’
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के दौरान जनरल असेम्बली को सम्बोधित करते हुए कहा है कि उनके देश को अमेरिका में चुनावों और घरेलू नीतियों के लिये मोलभाव के मुद्दे के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
75वाँ सत्र: तुर्की के राष्ट्रपति का आग्रह, आधे भरे गिलास के दोनों पहलुओं को देखना होगा
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एरदोआन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में उच्चस्तरीय जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए विश्व में मौजूदा घटनाक्रम का सटीकता और निष्ठा से आकलन किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है.
75वाँ सत्र: चीन का कोविड-19 के ख़िलाफ़ एकजुटता को बढ़ावा देने का आहवान
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासबा के 75वें सत्र की जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में अन्तरराष्ट्रीय एकजुटता को मज़बूती दिये जाने का आहवान किया है. राष्ट्रपति जिनपिंग ने घोषणा की है कि जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ व्यापक लड़ाई में कामयाबी के लिये चीन ने वर्ष 2060 तक कार्बन तटस्थता, यानि नैट कार्बन उत्सर्जन शून्य की स्थिति हासिल करने का लक्ष्य रखा है.
75वाँ सत्र: बहुपक्षवाद के लिये नई सामूहिक प्रतिबद्धता की ज़रूरत - महासभा अध्यक्ष
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने मंगलवार को जनरल डिबेट की शुरुआत करते हुए कहा है कि कोविड-19 महामारी ने विश्व नेताओं को भले ही न्यूयॉर्क स्थित महासभा को निजी रूप में सम्बोधित करने से रोक दिया हो, मगर आपसी बातचीत व चर्चा की “पहले कहीं से कहीं ज़्यादा ज़रूरत है”.
महासभा 75वाँ सत्र: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, शक्ति के ज़रिये शान्ति का प्रसार
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को सम्बोधित करते हुए अमेरिका की सैन्य शक्ति की सराहना करते हुए कहा है कि उनका देश शान्ति क़ायम करने की अपनी नियति को पूर्ण कर रहा है लेकिन इस शान्ति का स्रोत शक्ति है.