बीस वर्ष पहले, नस्लवाद के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करने के लिये, दक्षिण अफ़्रीका के डरबन में अपनाए गए कार्रवाई कार्यक्रम व घोषणा-पत्र (DDPA) के दो दशक गुज़र जाने के बाद भी, नस्लभेद अपने सभी रूपों में आज भी मौजूद है, बल्कि कुछ स्थानों पर तो ये और बदतर हुआ है. संक्षिप्त में इसे डरबन घोषणा-पत्र कहा जाता है.