मादक पदार्थों पर नियंत्रण से लेकर, इंडीजिनस यानी आदिवासी लोगों के अधिकारों और आतंकवाद निरोधक उपायों तक, इन सभी हालात में मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी है - संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति पर. तीसरी समिति को सामाजिक, मानवीय सहायता और सांस्कृतिक मामलों की समिति भी कहा जाता है. इसके सामने जटिल समस्याओं और चुनौतियों की एक लंबी सूची है जिन पर ये समिति नीतियाँ व कार्यक्रम बनाती है. हर साल सितंबर में जब विश्व नेता यूएन मुख्यालय में एकत्र होते हैं तो उनके विचारों और संकल्पों को हक़ीक़त में बदलने के लिए क्या-क्या किया जाता है, इस बारे में हमारी श्रंखला की अगली कड़ी में प्रस्तुत है महासभा की तीसरी समिति के बारे में...