यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट और कुछ अन्य वरिष्ठ हस्तियों ने भी, यूक्रेन के दो पूर्वी क्षेत्रों – दोनेत्स्क और लूहान्स्क के कुछ इलाक़ों को, स्वतंत्र प्रान्तों के रूप में मान्यता देने के रूस के फ़ैसले के बाद, इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की चिन्ता में अपनी आवाज़ शामिल की है.