संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ इकपॉनवोसा इरो ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान बहुत से लोग निर्धनता के गर्त में धँस रहे हैं और उन हालात के कारण, ऐल्बीनिज़्म यानि रंगविहीनता वाले लोगों की हत्याओं की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को सदस्य देशों से मानव तस्करी के विरुद्ध कार्रवाई करने का आहवान किया है. मानव तस्करी के पीड़ितों में एक तिहाई बच्चे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने कहा है कि 1951 में वजूद में आई शरणार्थी कन्वेन्शन के बुनियादी सिद्धान्तों और भावना के लिये, ये समय, एक बार फिर नवीन संकल्प दोहराने का एक बेहतरीन मौक़ा है. एजेंसी ने इस अन्तरराष्ट्रीय सन्धि की 70वीं वर्षगाँठ के मौक़े पर बुधवार को ये बात कही है.
म्याँमार में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपोर्टेयर टॉम एण्ड्रयूज़ ने देश में मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनज़र, सुरक्षा परिषद और सदस्य देशों से आपात ‘कोविड युद्धविराम’ लागू किये जाने पर केन्द्रित एक प्रस्ताव पारित करने की पुकार लगाई है.
संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने नेलसन मण्डेला की 102वीं जयन्ती के अवसर पर, उन्हें साहस, करुणा और सामाजिक न्याय व समानता को बढ़ावा देने वाला एक ऐसा व्यक्ति क़रार दिया जिसने दक्षिण अफ़्रीका में नस्लवादी रंगभेद व्यवस्था का ख़ात्मा करने वाले आन्दोलन का नेतृत्व किया.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने अनेक देशों में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की निगरानी के लिये जासूसी सॉफ़्टवेयर ‘पैगेसस’ का कथित तौर पर इस्तेमाल किये जाने सम्बन्धी ख़बरों को बेहद चिन्ताजनक क़रार दिया है.
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने म्याँमार में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिये उपजी कठिन परिस्थितियों पर गहरी चिन्ता जताते हुए, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से सैन्य नेतृत्व के विरुद्ध कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार को कहा है कि नेलसन मण्डेला अन्तरराष्ट्रीय दिवस, गरिमा, समानता, न्याय और मानवाधिकारों के एक इस महान वैश्विक पैरोकार के जीवन और उनकी विरासत पर फिर से ग़ौर करने और ध्यान देने का एक अवसर है.
मादक पदार्थों एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) का एक नया अध्ययन दर्शाता है कि विश्व भर में, हर तीन में से एक क़ैदी को बिना मुक़दम चलाए या अदालत द्वारा दोषी पाए बिना ही, बन्दीगृह में रखा जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत में, बरसात के मौसम के दौरान लगभग एक लाख लोगों को उनके घरों से बेदख़ल किये जाने की प्रक्रिया को रोकने का आग्रह किया है. बेघर होने का जोखिम झेल रहे इन लोगों में बीस हज़ार बच्चे भी हैं.