संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि निसंदेह यातना पर हर हाल में रोक लगनी ज़रूरी है, मगर फिर भी दिन-ब-दिन इस मूल सिद्धांत का उल्लंघन होता देखा जा सकता है - ख़ासतौर पर बंदीगृहों, जेलों, पुलिस थानों, मनोरोग संस्थानों और दूसरे ऐसे स्थानों पर जहाँ क़ैद करने वाले लोग, बंदियों पर अत्याचार करने की हैसियत रखते हों.