ऐसे में जबकि विश्व नेतागण ने ये उम्मीद जताई है कि विकासशील देशों को, जलवायु वित्तीय मदद के रूप में हर वर्ष 100 अरब डॉलर की रक़म अदा करने का लक्ष्य पहुँच में नज़र आता है, तो संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि ये लक्ष्य, वर्ष 2023 तक तो पूरा होने के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं, और उसके बाद के समय के लिये भी अतिरिक्त धनराशि की ज़रूरत होगी.