अफ़ग़ानिस्तान में अगस्त में, तालेबान का नियंत्रण होने के बाद से बिगड़े हालात के कारण, जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवाएँ व्यापक गम्भीर रूप से बाधित हुई हैं और इनमें शिशुओं को जन्म देना भी कठिनाइयों से भर गया है. संयुक्त राष्ट्र की प्रजनन व जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य एजेंसी – UNFPA, वास्तविक व ज़मीनी हालात में जीवनरक्षक सेवाएँ मुहैया कराने में सक्रिय है. एजेंसी के अनुसार, 36 वर्षीय नजाबा ऐसी माताओं में से एक हैं जिन्होंने गर्भावस्था के दौरान गम्भीर ख़तरों के साथ-साथ बढ़ती असुरक्षा के हालात का सामना किया है.