संयुक्त राष्ट्र का एक विश्लेषण दर्शाता है कि म्याँमार की जनता के लिये, वर्ष 2022 में एक अभूतपूर्व राजनैतिक, सामाजिक-आर्थिक, मानवाधिकार व मानवीय संकट पैदा हो सकता है. यूएन के मुताबिक़, कोविड-19 की गम्भीर तीसरी लहर और सैन्त तख़्तापलट के बाद से ज़रूरतमन्दों की संख्या बढ़ी है.