जोखिम भरे समुद्री मार्गों से होकर अफ़्रीका से यूरोप तक की ख़तरों भरी यात्राओं में अब तक हज़ारों लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र के एक नए अध्ययन के अनुसार 93 फ़ीसदी अफ़्रीकी प्रवासियों का कहना है कि अगर ज़रूरत हुई तो अपनी जान को जोखिम में डाल कर वे ऐसी यात्राएं फिर करने के लिए तैयार हैं.