
आप एक महीने पहले क्या कर रहे थे? यूक्रेन के मारियुपोल में कहीं एक बेसमेंट में, डॉक्टर और हृदय रोग विशेषज्ञ मकसिम, लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिये कामचलाऊ औज़ारों के साथ सर्जरी कर रहे थे.
बन्दरगाह शहर भीषण बमबारी की चपेट में था और शहर का मुख्य अस्पताल भी इन धमाकों व हमलों की जद में आने से नहीं बच पाया. मकसिम याद करते हैं कि मिसाइल हमलों से मातृत्व वार्ड समेत हर एक केन्द्र प्रभावित हुआ.

मकसिम अब अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) की सचल (mobile) चिकित्सा टीम का हिस्सा हैं. ये टीम आन्तरिक रूप से विस्थापित और मेज़बान समुदायों को प्राथमिक स्वास्थ देखभाल सेवा और मानसिक स्वास्थ्य व मनोसामाजिक समर्थन मुहैया करा रही है.
हर मोबाइल क्लीनिक में एक डॉक्टर, एक नर्स, और एक मनोचिकित्सक तैनात है. इसके ज़रिये, प्राथमिक स्वास्त्य सेवाओं के तहत परामर्श, प्रारम्भिक जाँच और ज़रूरी होने पर अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिये रवाना किया जाता है.

अधिकाँश मरीज़ महिलाएँ, बच्चे और अक्सर लम्बे समय से बीमार चल रहे वृद्धजन हैं. देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित हुए लोगों के लिये यह पहल विशेष रूप से एक जीवन रेखा के समान है.
मकसिम जानते हैं कि युद्ध और विस्थापन की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना केवल मरीज़ों ने नहीं किया है. उन चिकित्सकों के लिये भी हालात कठिन रहे हैं जिन्होंने प्रभावित इलाक़ों में रहकर अपनी ज़िम्मेदारी सम्भाली है.
“अस्पताल, रणनैतिक नज़रिये से एक निशाना बन गए थे.”

ओलेना खारकीफ़ से हैं और एनेसथिज़ियोलॉजिस्ट के तौर पर अपनी सेवाएँ प्रदान करती हैं.
“मैंने खारकीफ़ केवल अपने दो बच्चों की ख़ातिर छोड़ा था. उन्हें दुस्वप्न आते थे और वे सो नहीं पा रहे थे.” दोनों बच्चे डरे हुए थे, चूँकि मकान, भीषण बमबारी के कारण लगातार हिल रहा था.
एक दिन ओलेना को एक सुरक्षित निकासी ट्रेन में जगह मिल गई, लेकिन उसी दौरान उनकी जान ख़तरे में आ गई थी, जब उनकी ट्रेन के गुज़रने के समय एक रेलवे स्टेशन को हमले में निशाना बनाया गया.

खारकीफ़ छोड़ने से पहले, ओलेना ने बेहद गम्भीर रूप से बीमार मरीज़ों को छोड़कर, अपने लगभग सभी मरीज़ों को बेसमेंट में भेज दिया था. वो बिना किसी राहत या सहायता के अपने मरीज़ों के पास बिस्तर पर बैठी रहीं, चूँकि कोई अन्य डॉक्टर भी अस्पताल पहुँच नहीं पा रहा था.
अब ओलेना पश्चिमी यूक्रेन में पोलैण्ड की सीमा से लगे बेल्ज़ नगर में, यूएन एजेंसी के एक मोबाइल क्लीनिक में, मकसिम के साथ काम करती हैं.

मकसिम और ओलेना जैसे चिकित्सा पेशेवरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर उन लोगों की मदद की है, युद्ध के दौरान जिनके स्वास्थ्य व जीवन पर ख़तरा मंडरा रहा था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत से अब तक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों पर 200 हमलों की पुष्टि की जा चुकी है.