
हंसा मेहता ने, 1946 में, अखिल भारतीय महिला सम्मेलन (AIWC) में, भारतीय महिलाओं के अधिकार चार्टर की अगुवाई की. इसमें लैंगिक समानता के साथ, भारत में महिलाओं के सिविल अधिकारों व उनके लिये न्याय की मांग की गई थी. इस महिला अधिकार चार्टर के अनेक प्रावधान, भारतीय संविधान में, अनेक लैंगिक निष्पक्ष प्रावधानों का आधार बने. डॉक्टर हंसा मेहता भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करने वाली कमेटी की भी सदस्या होने के साथ-साथ, मूल अधिकारों पर सलाहकारी कमेटी की भी सदस्या थीं.
UN Photo/ Marvin Bolotsky