
दुनिया के 12 देशों में 18 स्थलों को यूनेस्को (UNESCO) वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ़ बायोस्फ़ेयर रिज़र्व के रूप में चिन्हित किया गया है. इनमें स्पेन का अल्टो टूरिया बायोस्फ़ेयर रिज़र्व भी शामिल है. ये रिज़र्व दर्शाते है कि उत्कृष्ट प्राकृतिक सुदंरता समेटे पर्यावरणों का टिकाऊ प्रबंधन कैसे किया जा सकता है.

स्थलीय, समुद्री और तटीय पारिस्थितिकी तंत्रों से मिलकर बायोस्फ़ेयर रिज़र्व क्षेत्रों को बनाया जाता है. हर रिज़र्व के ज़रिए ऐसे टिकाऊ समाधानों को बढ़ावा दिया जाता है जिससे जैवविविधता का संरक्षण हो सके और मानवता टिकाऊ ढंग से उनका इस्तेमाल भी कर सके. दक्षिण कोरिया में ‘गैन्गवोन इको-पीस बायोस्फ़ेयर रिज़र्व’ में लोग रहते हैं लेकिन उसी रिज़र्व में जानवरों की दुर्लभ और विलुप्त होने का ख़तरा झेल रही प्रजातियों की आवाजाही भी रहती है.

नए बायोस्फ़ेयर रिज़र्व को चिन्हित किए जाने के बाद अब दुनिया में ऐसे रिज़र्व की संख्या 701 हो गई है जो 124 देशों में स्थित है. यह तस्वीर इंडोनेशिया के ऊना-ऊना रिज़र्व की है जिसे मूंगे (coral) की विविधिता के लिए जाना जाता है.

दक्षिणी अफ़्रीका के ‘किंगडम ऑफ़ एसवतीनी’ में लुबोम्बो बायोस्फ़ेयर रिज़र्व को इसलिए चुना गया क्योंकि वहां जंगलों, दलदली भूमि (wetlands) और सवाना पारिस्थितिकी तंत्रों का मिश्रण है. इस रिज़र्व में व्यावसायिक, कृषि, मवेशियों और उद्योगों से जुड़े प्रतिष्ठान भी हैं.

नए बायोस्फ़ेयर रिज़र्व की घोषणा करते हुए यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ोले ने कहा कि “जैवविविधता के लिए कार्रवाई करने की बेहद ज़रूरत है – हमारी साझा पर्यावरणीय विरासत के लिए.” तेल के दोहन को कम करने के लिए नॉर्वे के नॉर्डहोर्डलैंड बायोस्फ़ेयर रिज़र्व में नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) विकसित की जा रही है.

यूनेस्को हर साल नए रिज़र्व चिन्हित करती है जिससे मानवता और प्रकृति में टिकाऊ संबंध और समन्वयन को बढ़ावा देने में मदद मिलती है. रूसी फ़ेडरेशन में ‘लेक एल्टन बायोस्फ़ेयर रिज़र्व’ जल प्रबंधन बेहतर बनाने और कृषि और मवेशी पालन को टिकाऊ बनाने पर केंद्रित है, साथ ही असाधारण प्राकृतिक सुदंरता वाले क्षेत्र की रक्षा भी की जाती है.