
आत्मरक्षा के गुर सीखने का प्रशिक्षण
दिल्ली पुलिस की एक प्रशिक्षक शरणार्थी लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाती हैं. यूएन शरणार्थी एजेंसी UNHCR के साझीदार ग़ैर-सरकारी संगठन ‘उम्मीद की उड़ान’ द्वारा आयोजित इन प्रशिक्षण कक्षाओं में, महिलाओं का आत्म-सम्मान बढ़ाकर उन्हें अपनी सुरक्षा करने के तरीक़े सिखाए जाते हैं. लिंग आधारित हिंसा मानव अधिकारों का गम्भीर उल्लंघन है, और शरणार्थी महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा की कमी एवं सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के कारण ख़तरा अधिक बढ़ जाता है.

अपना भविष्य संवारने वालों की मदद
21 वर्षीय रोहिंज्या शरणार्थी, तस्मीदा जौहर UNHCR के DAFI (एल्बर्ट आइंस्टाइन जर्मन अकादमिक शरणार्थी पहल) छात्रवृत्ति कार्यक्रम के माध्यम से भारत में स्नातक की डिग्री हासिल कर रही हैं. DAFI छात्रवृत्ति कार्यक्रम ने, अपनी स्थापना के बाद से, भारत में सैकड़ों शरणार्थी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने में मदद करके अपने सपने पूरे करने में सहयोग दिया है.

पैतृक भूमि पर वापसी
कुछ युवा अफ़गान सिख शरणार्थी दिल्ली के एक सामुदायिक केन्द्र में नृत्य का आनन्द ले रहे हैं. ये लोग, युद्ध और उत्पीड़न से बचने के लिये, अपने पूर्वजों की मातृभूमि - भारत लौट आए हैं.संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - UNHCR, भारत सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने में मदद कर रही है कि ये लोग भारत को ही अपना स्थाई घर बना सकें.

गरिमा और आत्मनिर्भरता
दिल्ली में एक अफ़गान शरणार्थी, अपनी बनाई हुई एक पोशाक, फ़ख़्र के साथ दिखा रही हैं. देश भर में, यूएनएचसीआर के व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र कारीगरी कौशल, उद्यमशीलता और आत्मनिर्भरता बढ़ाने में मदद करते हैं. विस्थापितों के लिये गरिमा के साथ, अपना जीवन दोबारा शुरू करने के सबसे प्रभावी तरीक़ों में से एक है - उन्हें कामकाज के अवसर मुहैय्या कराना. मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के अनुच्छेद 23 के माध्यम से सभी को सम्मानजनक कामकाज के अवसर पाने का अधिकार है. UNHCR भारत में शरणार्थी समुदायों को एकजुट करने, रोज़गार खोजने और मेज़बान समुदायों में वापस योगदान देने में सहयोग देता है.

संगीत की शक्ति
म्याँमार से आए चिन शरणार्थी, मुआन पाई, दिल्ली में अपने गिटार के साथ. उनका कहना है, "संगीत मुझे भावुक करता है, शिक्षित करता है और मेरा विकास करता है. यह मेरा सब कुछ है. मुआन पाई, ग्रैमी पुरस्कार विजेता कलाकार, रिकी केज से दो महीने संगीत का प्रशिक्षण लेने वाले, भारत के 24 शरणार्थी संगीतकारों में से एक हैं, जिन्होंने संगीत की शक्ति मनाने के उत्सव में भाग लिया था. उनका गीत 'शाइन योर लाइट- (साँग बाय रैफ्यूजी)' 14 अक्टूबर 2020 को रिलीज़ किया गया था.

मासिक धर्म के दौरान सुरक्षा
हरियाणा के मेवात इलाक़े में शरणार्थी महिलाओं और लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन और प्रजनन स्वास्थ्य व स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जा रहा है. शरणार्थी लड़कियों और महिलाओं को अक्सर पर्याप्त सुविधाओं, उत्पादों और ज्ञान की कमी के कारण, अपने मासिक धर्म के दौरान, सुरक्षा व गरिमा के साथ देखभाल करने की क्षमता नहीं होती. यूएनएचसीआर, सम्पूर्ण भारत में शरणार्थियों को गुणवत्तापूर्ण यौन व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने के लिये, गैर-सरकारी संगठनों और समुदायों के साथ मिलकर काम करता है.

भोजन की व्यवस्था
60 वर्षीय मोहम्मद इस्माईल बताते हैं, "हमारे परिवार में पाँच आश्रित हैं, यूएनएचसीआर की वित्तीय मदद के बिना हमारा जीना मुश्किल है." बुढापे की वजह से, वह कामकाज करके अपने परिवार का जीवनयापन करने में असमर्थ हैं. नक़दी और वाउचर की मदद से विस्थापितों को भोजन, पानी, स्वास्थ्य सेवा, आश्रय जैसी ज़रूरतों तक पहुँच हासिल होती है. साथ ही उन्हें आजीविका के साधन जुटाने और स्वैच्छिक प्रत्यावर्तन की सुविधा मिलती है.

कारीगरों को बाज़ारों से जोड़ना
अफ़गान कारीगर और शरणार्थी, गुल जान बारामी MADE51 के छुट्टियों के संग्रह के लिये गहने पर बारीक कारीगरी कर रही हैं. यूएनएचसीआर की पहल, MADE51 एक ऑनलाइन स्टोर के माध्यम से शरणार्थियों को वैश्विक बाज़ारों से जोड़ता है, जिससे उन्हें आर्थिक स्वतन्त्रत्रता और गरिमा हासिल करने में मदद मिलती है. वह कहती हैं, “मैं जो भी बनाती हूँ, बहुत प्यार और लगन से बनाती हूँ. मुझे यह जानकर ख़ुशी होती है कि मेरे काम की क़द्र हो रही है.”