यूएन की आपात खाद्य राहत एजेंसी, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) को वर्ष 2020 के नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. नोबेल समिति ने कहा कि भुखमरी के ख़िलाफ़ लड़ाई में और हिंसक संघर्ष प्रभावित इलाक़ों में शान्ति के लिये हालात बेहतर बनाने में एजेंसी के योगदान को पहचान व मान्यता दी गई है. समिति के मुताबिक यूएन एजेंसी युद्ध व हिंसा के दौरान भुखमरी को एक औज़ार के रूप में इस्तेमाल किये जाने की रोकथाम में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर भोजन सम्बन्धी सहायता सहित अन्य प्रकार की मानवीय राहत प्रदान करता है. वर्ष 2019 में 88 देशों में साढ़े नौ करोड़ से ज़्यादा लोगों तक मदद पहुँचाई गई. इनमें सीरिया सहित अन्य हिंसा प्रभावित क्षेत्र शामिल हैं.
नोबेल पुरस्कार समिति के मुताबिक कोविड-19 महामारी से भुखमरी का दायरा और बढ़ने और 26 करोड़ 50 लाख से ज़्यादा लोगों के एक साल के भीतर भुखमरी का शिकार होने की आशंका है. यूएन एजेंसी ने कहा है कि आपात अभियानों, राहत पहुँचाने के लिये जवाबी कार्रवाई, लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन में एजेंसी की विशेषज्ञता का उपयोग ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में लोगों तक पहुँचने के लिये किया जायेगा.
विश्व खाद्य कार्यक्रम दुनिया के सबसे ख़तरनाक और दूरदराज़ के इलाक़ों में भी राहत प्रयासों में जुटा है और राहत वितरण के लिये हरसम्भव माध्यम को उपयोग में लाया जाता है.
यूएन एजेंसी के कार्यकारी निदेशक डेविड बीज़ली ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की घोषणा के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि एजेंसी को इस क्षण गहरी विनम्रता का एहसास हो रहा है. उन्होंने कहा कि जहाँ भी हिंसा व टकराव है, वहाँ भुखमरी है. और जहाँ भी भुखमरी है, वहाँ अक्सर हिंसा व टकराव है. खाद्य सुरक्षा, शान्ति व स्थिरता का एक दूसरे के साथ गहरा सम्बन्ध है. शान्ति के बग़ैर हम भुखमरी का अन्त करने के हमारे वैश्विक लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकता.
यूएन खाद्य एजेंसी के प्रमुख ने अपने संगठन के कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि उनका कामकाज हमारे बुनियादी मूल्यों – सत्यनिष्ठा, मानवता और समावेशन – से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि नोबेल शान्ति पुरस्कार महज़ यूएन एजेंसी का ही सम्मान नहीं है. यह सरकारों, अन्य संगठनों और निजी सैक्टर के साझीदारों के साथ अहम साझीदारियों की भी शिनाख़्त है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने नोबेल पुरस्कार समिति के निर्णय पर प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए विश्व खाद्य कार्यक्रम को खाद्य असुरक्षा के मोर्चे पर विश्व की पहली खाद्य संस्था के रूप में बयाँ किया है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम की स्थापना वर्ष 1961 में हुई, इसे विश्व के सबसे विशाल मानवीय राहत संगठन के रूप में देखा जाता है. एक ऐसा संगठन जो आपात हालात में ज़िंदगियाँ बचाने, समृद्धि का निर्माण करने और संघर्ष, त्रासदियों और जलवायु परिवर्तन से उबर रहे लोगों के लिये एक टिकाऊ भविष्य को सहारा प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रहा है.