
मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से 22 लाख से अधिक घरों और 13 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य केन्द्रों को नुक़सान पहुँचा. 44 लाख एकड़ के दायरे में फैली फ़सलें तबाह हो गईं.
आठ हज़ार किलोमीटर से अधिक लम्बी सड़कें और 440 पुलों समेत, अहम बुनियादी ढाँचा क्षतिग्रस्त हुआ है.

बाढ़ के कारण व्यापक स्तर पर मानवीय राहत आवश्यकताएँ उत्पन्न हुई हैं, और लगभग दो करोड़ लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता बताई गई है.
परिवारों को सड़क किनारे बनाए गए अस्थाई शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और इस आपदा के लगभग छह महीने बीत जाने के बाद भी कई इलाक़ों में हालात चुनौतीपूर्ण हैं.

बहुत से इलाक़ों में अब भी जल भराव एक बड़ी समस्या है. क़रीब 45 लाख लोग, जल-जमाव की समस्या का सामना कर रहे इन इलाक़ों में या उनके नज़दीक रह रहे हैं.
25 लाख लोगों की सुरक्षित पेयजल तक पहुँच नहीं है. सिन्ध और बलूचिस्तान प्रान्त के कम से कम 12 ज़िलों में मलेरिया का प्रकोप है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने देश के साथ एकजुटता दिखाने के लिये, सितम्बर 2022 में बाढ़ प्रभावित कुछ इलाक़ों का दौरा किया.
पाकिस्तान में जुलाई-अगस्त 2022 में भारी बाढ़ से हुई भीषण तबाही का एक हवाई दृश्य.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने राहत कार्रवाई को मज़बूती देने और इस जलवायु विनाश का सामना करने के लिए, विशाल अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की पुकार लगाई.
उन्होंने कहा, “मैने दुनिया में बहुत सी मानवीय आपदाएँ देखी हैं, मगर मैंने इस स्तर का जलवायु संहार शायद ही कहीं और देखा है."

यूएन प्रमुख ने पाकिस्तान में बाढ़ से हुई बर्बादी और मानवीय सहायता उपायों पर आयोजित एक बैठक को सम्बोधित करते हुए ध्यान दिलाया कि देश वैश्विक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के एक प्रतिशत से भी कम मात्रा के लिये ज़िम्मेदार है, मगर उसे मानव जनित जलवायु परिवर्तन की विशाल क़ीमत चुकानी पड़ रही है.

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और साझेदार मानवीय राहत संगठनों ने साथ मिलकर बाढ़ प्रभावितों तक राहत पहुँचाने के प्रयास जारी रखे हैं.
पिछले छह महीनों में ज़रूरतमन्दों को शरण, स्वास्थ्य, स्वच्छता किट और नक़दी सहायता समेत अन्य सेवाएँ मुहैया कराई गई हैं.
मगर, बाढ़ से हुई व्यापक तबाही के मद्देनज़र, बड़ी संख्या में लोगों को लम्बे समय तक मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी.

विनाशकारी बाढ़ से उपजी विशाल चुनौती का सामना करने और पुनर्वास व पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए 9 जनवरी 2023 को जिनीवा में, जलवायु सहनशील पाकिस्तान पर एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया.
बाढ़ से हुए नुक़सान से उबरने के लिए, 16 अरब डॉलर की सहायता अपील की गई.
अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दानदाताओं ने, पाकिस्तान को लगभग 9 अरब डॉलर की सहायता धनराशि प्रदान किए जाने के संकल्प लिए.