वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

के द्वारा छनित:

रोहिंज्या शरणार्थी संकट

म्याँमार में जारी संकट से, लाखों लोग देश के भीतर और बाहर विस्थापित हुए हैं.
© UNOCHA/Siegfried Modola

म्याँमार में, यूएन की सेवाएँ जारी रखने की प्रतिबद्धता

म्याँमार में सेना द्वारा फ़रवरी 2021 में सत्ता पर क़ब्जा किए जाने के बाद भड़का तनाव और संकट, पूरे देश में लोगों को बहुत गहराई से प्रभावित कर रहा है और यह संकट क्षेत्र में भी फैल जाने का जोखिम है. संयुक्त राष्ट्र के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने, गुरूवार को सुरक्षा परिषद में यह बात कही है. 

म्याँमार के राख़ीन प्रान्त में चक्रवाती तूफ़ान मोका से हुई तबाही का एक दृश्य.
OCHA/Pierre Lorioux

म्याँमार: रिहायशी इलाक़ों में भारी हथियारों के प्रयोग पर गहरी चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने, म्याँमार के राख़ीन प्रान्त में, लड़ाई में, आवासीय इलाक़ों में भारी हथियारों के के अन्धाधुन्ध प्रयोग पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है.

वर्ष 2017 में, म्याँमार में व्यापक और भीषण हिंसा से बचने के लिए भागे, लगभग 10 लाख रोहिंज्या शरणार्थियों ने, बांग्लादेश में पनाह ली हुई है.
© UNOCHA/Vincent Tremeau

समुद्री यात्राओं में रोहिंज्या लोगों की मदद के लिए आपात सहायता की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ टॉम एंड्रयूज़ ने उन रोहिंज्या शरणार्थियों की जीवन-रक्षा के लिए, कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई है जो बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों परिस्थितियाँ लगातार ख़राब होने के कारण, इंडोनेशिया जाने के लिए जोखिम भरी समुद्री यात्राएँ करते हैं.

म्याँमार के राख़ीन प्रान्त में, विस्थापित जन, अपने अस्थाई आश्रयस्थलों की मरम्मत करते हुए.
© UNICEF/Naing Linn Soe

म्याँमार: ‘अमानवीयता का भयावह कुरूप जारी है’, टर्क

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने म्याँमार की स्याह स्थिति का एक और आकलन मंगलवार को जारी किया है जिसमें देश की सेना द्वारा अपने ही नागरिकों पर किए जा रहे अत्याचारों का विवरण दिया गया है.

म्याँमार में यंगून शहर का एक दृश्य.
Unsplash/Alexander Schimmeck

म्याँमार: नागरिकों की जबरन वापसी पर रोक की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने म्याँमार में मौजूदा हालात के मद्देनज़र, शरणार्थियों और प्रवासियों को जबरन वहाँ वापिस भेजे जाने पर स्वैच्छिक रोक लगाए जाने का आहवान किया है.

यौन हिंसा से बची रोहिंग्या शरणार्थी महिलाएं उन 800,000 से अधिक रोहिंग्याओं में सबसे अधिक हाशिए पर हैं, जिन्हें अगस्त के बाद से म्यांमार से बांग्लादेश भेज दिया गया था.
यूनिसेफ/ब्रायन सोकोली

रोहिंज्या संकट के पाँच साल: अन्तराष्ट्रीय समुदाय से पीड़ितों के लिये एकजुटता से काम जारी रखने की अपील

संघर्षों की स्थितियों में यौन हिंसा पर यूएन प्रमुख की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन ने रोहिंज्या संकट के पाँच वर्ष पूरे होने के अवसर पर अन्तराष्ट्रीय समुदाय से रोहिंज्या लोगों के साथ एकजुटता जारी रखने का आहवान किया है. उन्होंने साथ ही यौन हिंसा के पीड़ितों के लिये न्याय व जवाबदेही से सम्बन्धित प्रयासों का दायरा बढ़ाने का आग्रह भी किया है.

म्याँमार के लिये, यूएन प्रमुख की विशेष दूत नोएलीन हेयज़ेर, बांग्लादेश के एक शरणार्थी शिविर में, एक शिक्षा केन्द्र का दौरा करते हुए.
Office of the Special Envoy on Myanmar

'रोहिंज्या संकट को भुलाकर नहीं छोड़ा जा सकता'

म्याँमार के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत नोएलीन हेयज़ेर ने, रोहिंज्या लोगों के दर्दनाक पलायन के पाँच वर्ष होने के मौक़े पर उनकी तकलीफ़ों की तरफ़ ध्यान आकर्षित करने के लिये, बांग्लादेश की अपनी चार दिन की यात्रा के दौरान कहा है कि, “हम इसे एक भुला दिया गया संकट बनकर नहीं रहने दे सकते हैं.”

रोहिंज्या शरणार्थी बांग्लादेश के कॉक्सेज़ बाज़ार शरणार्थी शिविर की तरफ़ जाते हुए. (फ़ाइल फ़ोटो)
UNOCHA/David Dare Parker

यूएन मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट - बांग्लादेश की यात्रा पर

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय OHCHR ने शुक्रवार को बताया है कि मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट, सप्ताहान्त पर बांग्लादेश की यात्रा करेंगी.

मिनहर बेगम और शाह आलम पिछले दो वर्षों से कुटुपलोंग शिविर के एक शिक्षण केन्द्र में, शिक्षण सहायक के रूप में एक साथ काम कर रहे हैं.
यूएनएचसीआर

बांग्लादेश: शरणार्थियों की शिक्षा बाधाओं से निपटने के लिये, रोहिंज्या और बांग्लादेशी शिक्षक एकजुट

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - UNHCR के बांग्लादेश में एक कार्यक्रम के तहत, रोहिंज्या शरणार्थी बच्चों की औपचारिक शिक्षा तक पहुँच बनाने के लिये, रोहिंज़्या शिक्षकों को मेज़बान समुदाय के शिक्षकों के साथ जोड़ा जा रहा है. इससे दोनों समुदायों के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने में मदद मिल रही है और बच्चों के लिये औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के रास्ते खुल रहे हैं.

बांग्लादेश ने, म्याँमार में हिंसा और उत्पीड़न के पाँच अलग-अलग दौर के बाद वहाँ से भागे रोहिंज्या शरणार्थियों को अपने यहाँ शरण मुहैया कराई है.
© UNICEF/Siegfried Modola

'म्याँमार का बहुकोणीय संकट नाटकीय रूप में गहराया और फैला है'

म्याँमार के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत नोएलीन हेयज़र ने सोमवार को यूएन महासभा में बताया है कि देश में फ़रवरी 2021 में सैन्य तख़्तापलट के बाद शुरू हुए राजनैतिक संकट ने, ऐसे अनेक मोर्चे खोल दिये हैं जहाँ लम्बे समय से शान्ति क़ायम थी, और देश में चुनौतियाँ ज़्यादा गहरी होने के साथ-साथ, उनका दायरा भी नाटकीय तरीक़े से फैला है.