म्याँमार: नागरिकों की जबरन वापसी पर रोक की पुकार
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने म्याँमार में मौजूदा हालात के मद्देनज़र, शरणार्थियों और प्रवासियों को जबरन वहाँ वापिस भेजे जाने पर स्वैच्छिक रोक लगाए जाने का आहवान किया है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने म्याँमार में मौजूदा हालात के मद्देनज़र, शरणार्थियों और प्रवासियों को जबरन वहाँ वापिस भेजे जाने पर स्वैच्छिक रोक लगाए जाने का आहवान किया है.
संघर्षों की स्थितियों में यौन हिंसा पर यूएन प्रमुख की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन ने रोहिंज्या संकट के पाँच वर्ष पूरे होने के अवसर पर अन्तराष्ट्रीय समुदाय से रोहिंज्या लोगों के साथ एकजुटता जारी रखने का आहवान किया है. उन्होंने साथ ही यौन हिंसा के पीड़ितों के लिये न्याय व जवाबदेही से सम्बन्धित प्रयासों का दायरा बढ़ाने का आग्रह भी किया है.
म्याँमार के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत नोएलीन हेयज़ेर ने, रोहिंज्या लोगों के दर्दनाक पलायन के पाँच वर्ष होने के मौक़े पर उनकी तकलीफ़ों की तरफ़ ध्यान आकर्षित करने के लिये, बांग्लादेश की अपनी चार दिन की यात्रा के दौरान कहा है कि, “हम इसे एक भुला दिया गया संकट बनकर नहीं रहने दे सकते हैं.”
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय OHCHR ने शुक्रवार को बताया है कि मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट, सप्ताहान्त पर बांग्लादेश की यात्रा करेंगी.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - UNHCR के बांग्लादेश में एक कार्यक्रम के तहत, रोहिंज्या शरणार्थी बच्चों की औपचारिक शिक्षा तक पहुँच बनाने के लिये, रोहिंज़्या शिक्षकों को मेज़बान समुदाय के शिक्षकों के साथ जोड़ा जा रहा है. इससे दोनों समुदायों के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने में मदद मिल रही है और बच्चों के लिये औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के रास्ते खुल रहे हैं.
म्याँमार के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत नोएलीन हेयज़र ने सोमवार को यूएन महासभा में बताया है कि देश में फ़रवरी 2021 में सैन्य तख़्तापलट के बाद शुरू हुए राजनैतिक संकट ने, ऐसे अनेक मोर्चे खोल दिये हैं जहाँ लम्बे समय से शान्ति क़ायम थी, और देश में चुनौतियाँ ज़्यादा गहरी होने के साथ-साथ, उनका दायरा भी नाटकीय तरीक़े से फैला है.
संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने बांग्लादेश की अपनी पाँच दिन की यात्रा पूरी करने के बाद बुधवार को, रोहिंज्या शरणार्थियों और उनके मेज़बान समुदायों के लिये टिकाऊ और प्रत्याशित समर्थन की अपील की है.
शरणार्थी मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) ने म्यांमार के तट के नज़दीक समुद्री क्षेत्र में, बच्चों समेत कम से कम 17 रोहिंज्या लोगों की मौत होने के समाचार पर स्तब्धता जताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है.
दुनिया भर की लड़कियाँ एक ऐसे भविष्य की कल्पना करती हैं जो समावेशी और निष्पक्ष हो. माली में 15 साल की मकदीदिया कहती हैं, "मैं सभी बच्चों के अभिभावकों से कहना चाहता हूँ कि वो यह समझें कि हम कुछ कहना चाहते हैं, और हमारे विचार मायने रखते हैं, क्योंकि हम दुनिया का भविष्य हैं."
यह वीडियो, लड़कियों ने ख़ुद बनाकर, अपने विचार, अपने शब्दों में, कैमरे में समेटे हैं... (वीडियो सौजन्य: यूनीसेफ़)