जब घर में बाढ़ का पानी घुस आया तो दस वर्षीय बरशा और उसके परिवार को, जल्दबाज़ी में सब कुछ छोड़कर एक शरणस्थल में आसरा लेना पड़ा. बांग्लादेश के बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित ज़िलों में से एक, सिलहट के गोवेनघाट में एक तंग आश्रय ने बढ़ती बाढ़ के पानी से बचाया, लेकिन, बरशा को पास में कोई नलकूप या ट्यूब-वैल न होने की वजह से, कई दिनों तक साफ़ पानी नसीब नहीं हुआ.