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कोविड-19: यूएन हिन्दी कवरेज

कोविड-19: अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपदा – यूएन हिन्दी न्यूज़ कवरेज
पहली बार इन मामलों की जानकारी, दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान में मिली.

चीन सहित दुनिया के कई देश नॉवल कोरोनावायरस (कोविड-19) के ख़तरे का सामना कर रहे हैं. चीन सहित अनेक देशों में इस वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हालात पर क़ाबू पाने के लिए विशेषज्ञों, सरकारों व साझीदार संगठनो के साथ मिलकर काम करता रहा है ताकि नए वायरस के बारे में वैज्ञानिक जानकारी को पुख़्ता बनाया जा सके, उसके फैलने और घातकता में कमी लाई जाए और प्रभावित देशों व व्यक्तियों को सेहत का ध्यान रखने के लिए ज़रूरी क़दम सुनिश्चित किए जा सकें.

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भारत के दूर-दराज़ के इलाक़ों में कोविड का टीकाकरण करतीं स्वास्थ्यकर्मी, दीपा.
UNDP India

वैश्विक महामारियों की रोकथाम के लिए, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की नई योजना

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को अपनी एक नई पहल पेश की है, जिसका लक्ष्य, कोविड-19 जैसी घातक महामारियों से निपटने के लिए देशों की क्षमता को मज़बूती प्रदान करना है.

अफ़ग़ानिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान के तहत एक नवजात शिशु को ख़ुराक पिलाई जा रही है.
© UNICEF/K. Shah

कोविड-19 के दौरान, बाल टीकाकरण पर भरोसे में आई गिरावट

विश्व भर में, पिछले तीन वर्षों के दौरान लगभग 6 करोड़ 70 लाख बच्चे, एक या उससे अधिक आवश्यक टीकों से वंचित रह गए. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने चिन्ता जताई है कि कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ बढ़ने के कारण बाल टीकाकरण लगभग हर स्थान पर बाधित हुआ है. यूएन एजेंसी के नए आँकड़ों के अनुसार, कुछ देशों में कोविड-19 महामारी के दौरान बाल टीकाकरण के प्रति भरोसे में 44 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई. (वीडियो)

इथियोपिया के टीइग्रे क्षेत्र के एक स्वास्थ्य केंद्र में एक लड़के को खसरा हुआ। (फ़ाइल)
© UNICEF/Hema Balasundaram

विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह: जीवनरक्षक टीकाकरण कवरेज, फिर से पटरी पर लाने की मुहिम

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह’ (World Immunization Week) के अवसर पर आगाह किया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण टीकाकरण सेवाएँ बाधित हुईं और लाखों-करोड़ों बच्चे नियमित टीकों से वंचित रह गए. स्वास्थ्य एजेंसी ने अति-आवश्यक टीकाकरण कवरेज को कम से कम वर्ष 2019 के स्तर तक बहाल करने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई है.

भारत के टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता के पीछे दो लाख पचास हज़ार स्वास्थ्यकर्मी हैं, जो मुश्किल हालातों में भी अथक काम करते हैं.
UNDP India

भारत: महिला स्वास्थ्यकर्मियों के बुलन्द हौसले

भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से, देश के दूर-दराज़ के इलाक़ों में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को सफलता से अंजाम दिया है. लेकिन इस अभियान की ख़ामोश नायक हैं, वो कर्मठ महिला स्वास्थ्य कर्मी, जो अक्सर व्यक्तिगत परेशानियों को दरकिनार करके, बीहड़ इलाक़ों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगी हैं.

पारम्परिक वरली कला में प्रशिक्षण के ज़रिए, महिलाओं को आजीविका का उत्तम साधन मिला है.
UNDP India

भारत: कला के ज़रिए जीवन को आकार देने की मुहिम

भारत में यूएनडीपी और साझीदार मिलकर, महिलाओं को प्राचीन वरली कला में प्रशिक्षण के ज़रिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत हैं. इस स्वदेशी महिला कला को बढ़ावा देकर, मुम्बई और ठाणे के बाहरी इलाक़ों में बसे आदिवासी व अन्य कमज़ोर समुदायों की वंचित महिलाओं को सशक्त बनाने में सफलता मिली है.

2021 में कोविड महामारी के दौरान, इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के एक स्वास्थ्य केंद्र में एक बच्चे का टीकाकरण किया जा रहा है.
© UNICEF/Ulet Ifansasti

कोविड-19 व बढ़ती भ्रामक जानकारी के कारण, करोड़ों बच्चे जीवनरक्षक टीकों से वंचित

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने आगाह किया है कि 2019 और 2021 के दौरान, कोविड-19 महामारी और सशस्त्र संघर्ष के कारण आए व्यवधानों से, दुनिया भर में लगभग 6 करोड़ 70 लाख बच्चे, एक या एक से अधिक आवश्यक टीकों से वंचित रह गए. इसके अलावा, वैक्सीन पर भरोसे में आई कमी भी इसकी एक बड़ी वजह है.

रवांडा के एक स्कूल में, कोविड-19 के समय में, शिक्षा हासिल करते बच्चे.
© UNICEF/Habib Kanobana

WHO: वैश्विक महामारी समझौते पर दुष्प्रचार पर चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने “सोशल मीडिया और मुख्य धारा के मीडिया में फैलाई जा रही उस झूठी जानकारी” पर कड़ी आपत्ति की है, जिसमें आरोप लगाया जा रहा है कि जिस नए वैश्विक महामारी समझौते पर बातचीत जारी है, उससे भविष्य की महामारियों के हालात में, WHO को, देशों की राष्ट्रीय सम्प्रभुता को दरकिनार करने की अनुमति मिल जाएगी.

सोलोमन आईलैंड्स में महिलाएँ, ग़ैर-संचारी रोगों की रोकथाम उपायों को अपनाकर अपने लिए सब्ज़ियाँ तैयार कर रही हैं.
© WHO/ Blink Media/Neil Nuia

ग़ैर-संचारी बीमारियों के उपचार हेतु, अनेक लोगों की पहुँच से दूर हैं दवाएँ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में सचेत किया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 अब नज़र से दूर होती जा रही है, मगर ग़ैर-संचारी बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएँ अब भी, विश्व भर में लाखों-करोड़ों लोगों की पहुँच से दूर हैं.

तुर्कीये की दिलानाज़ गुलेर, 19 वर्षीय लैंगिक समानता और हिंसा विरोधी कार्यकर्ता हैं व यूथ फ़ॉर डिजिटल लिटरेसी की संस्थापक हैं.
Courtesy of Dilanaz Güler

डिजिटल साक्षरता के ज़रिए, ऑनलाइन लिंग आधारित हिंसा का मुक़ाबला

तुर्कीये की एक किशोर लैंगिक समानता कार्यकर्ता, नारीवाद और ऑनलाइन लिंग आधारित हिंसा से निपटने के लिए, डिजिटल साक्षरता और मीडिया पर मौजूद जानकारी का सोच-समझकर उपभोग करने के लिए प्रेरित करने हेतु काम कर रहीं हैं.

यूएन प्रमुख ने क़तर की राजधानी दोहा में रविवार को सबसे कम विकसित देशों पर पाँचवे यूएन सम्मेलन को सम्बोधित किया.
UN Photo/Evan Schneider

'अल्पतम विकसित देशों के लिए बहाने नहीं, क्रान्तिकारी समर्थन की दरकार'

क़तर की राजधानी दोहा में विश्व नेता, एक महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए एकत्र हुए हैं, जिसका उद्देश्य दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में टिकाऊ विकास प्रक्रिया में तेज़ी लाना, ज़रूरतमन्दों के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहायता सुनिश्चित करना और इन देशों में समृद्धि के लिए निहित सम्भावनाओं को साकार करना है.