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कोविड-19: यूएन हिन्दी कवरेज

कोविड-19: अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपदा – यूएन हिन्दी न्यूज़ कवरेज
पहली बार इन मामलों की जानकारी, दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान में मिली.

चीन सहित दुनिया के कई देश नॉवल कोरोनावायरस (कोविड-19) के ख़तरे का सामना कर रहे हैं. चीन सहित अनेक देशों में इस वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हालात पर क़ाबू पाने के लिए विशेषज्ञों, सरकारों व साझीदार संगठनो के साथ मिलकर काम करता रहा है ताकि नए वायरस के बारे में वैज्ञानिक जानकारी को पुख़्ता बनाया जा सके, उसके फैलने और घातकता में कमी लाई जाए और प्रभावित देशों व व्यक्तियों को सेहत का ध्यान रखने के लिए ज़रूरी क़दम सुनिश्चित किए जा सकें.

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CAS प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागी.
© UNICEF/Sandeep Biswas

भारत: दुष्प्रचार व दुस्सूचना से निपटने के लिए, यूनीसेफ़ की अनूठी पहल

भारत में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने कोविड-19 महामारी के दौरान ग़लत व झूठी जानकारी का प्रसार रोकने के लिए, ‘आलोचनात्मक मूल्यांकन कौशल (Critical Appraisal Skills – CASकी शक्ति का उपयोग किया, जिससे महामारी व टीकाकरण से जुड़ी भ्रान्तियों को दूर करने व टीकाकरण अभियान में एक नई जान फूँकने में मदद मिली

भारत के वड़ोदरा शहर में एक बच्ची कचरे से लकड़ी एकत्र कर रही है.
© ILO

अनेक देशों में निर्धनता उन्मूलन में तेज़ी, मगर एक अरब जन अब भी ग़रीबी की चपेट में

संयुक्त राष्ट्र और ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत और चीन सहित, 25 देशों को बड़ी संख्या में लोगों को निर्धनता के गर्त से बाहर निकालने और बहुआयामी निर्धनता सूचकांक (Multidimensional Poverty Index (MPI) को आधा करने में सफलता मिली है. मगर, समुचित डेटा उपलब्ध ना होने की वजह से कोविड-19 महामारी के प्रभावों का पूर्ण आकलन कर पाना फ़िलहाल सम्भव नहीं है. 

टिकाऊ विकास का 2030 एजेण्डा, सर्वजन के लिये एक बेहतर व टिकाऊ भविष्य प्राप्ति का ब्लूप्रिंट है.
© UNDP

संयुक्त राष्ट्र, विकास लक्ष्यों पर पिछड़ती प्रगति से निपटने के लिए ‘प्रतिबद्ध’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि 30 प्रतिशत से अधिक टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रगति पिछड़ने के बावजूद, इस "रुझान का रुख़ पलटने" के लिए अभी देर नहीं हुई है. उन्होंने मंगलवार को सदस्य देशों को बताया कि संयुक्त राष्ट्र "इस पिछड़ती प्रगति से निपटने के लिए दृढ़ संकल्पित है."

नाइजीरिया में एक महिला, अपना कोविड-19 वैक्सीन कार्ड दिखाते हुए.
© UNICEF

WHO: विश्व को अगली महामारी का मुक़ाबला करने के लिए, रहना होगा तैयार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने सोमवार को कहा है कि कोविड-19 अलबत्ता अब एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा नहीं बची है, मगर देशों को अब भी बीमारी का मुक़ाबला करने की अपनी क्षमता को मज़बूत करना होगा और भविष्य में होने वाली महामारियों और अन्य जोखिम का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.

इंडोनेशिया के एक स्कूल में लड़कियाँ, टीकाकरण के लिए, अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए.
© UNICEF/Clark

WHO: मानव स्वास्थ्य पर प्रगति ‘संकट में’, यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार को कहा है कि 75 वर्ष पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वजूद में आने के बाद से, वैश्विक जीवन प्रत्याशा में 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है, मगर कोविड-19, जलवायु परिवर्तन, और अन्य चुनौतियों के कारण, “ये प्रगति संकट में है”.

नामीबिया की एक यूरेनियम खदान में, एक विशाल ट्रक के पहिये की मरम्मत करता एक कर्मचारी.
World Bank/John Hogg

वैश्विक संकटों के बीच, आर्थिक प्रगति लम्बे समय तक धीमी रहने का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (UNDESA) का एक नया आकलन दर्शाता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मज़बूत सुधार की सम्भावनाएँ फ़िलहाल क्षीण हैं, जिसकी वजह मुद्रास्फीति, ब्याज़ दरों में वृद्धि और गहराती अनिश्चितता बताई गई है. मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि वित्त पोषण में आवश्यकता और उपलब्धता की खाई बढ़ने, निवेश के कमज़ोर होने और क़र्ज़ के बढ़ते बोझ के कारण, टिकाऊ विकास पर प्रगति पटरी से उतर सकती है.

भारत के मुट्टक के एक अस्पताल में एक गर्भवती महिला की प्रसव के पूर्व जाँच होते हुए. है
© UNICEF/Prashanth Vishwanathan

हर सात सेकेंड में एक गर्भवती महिला या नवजात शिशु की मौत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि पिछले आठ वर्षों के दौरान, गर्भवती महिलाओं, माताओं और शिशुओं की असमय होने वाली मौतों में कमी लाने के प्रयासों में, वैश्विक प्रगति थम गई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने मातृत्व और नवजात शिशुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में घटते निवेश को इसकी वजह बताया है.

© Unsplash/Shengpengpeng Cai

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 5 मई 2023

इस सप्ताह के बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...

  •  कोविड-19 महामारी, वैश्विक स्वास्थ्य आपदा के रूप में समाप्त घोषित.
  •  सूडान में विस्थापितों की सहायता के लिए साढ़े 44 करोड़ डॉलर की अपील.
  •  सूडान से सुरक्षित बाहर निकाले गए एक भारतीय नागरिक की आपबीती.
  •  25 करोड़ से अधिक लोगों को है आपात खाद्य सहायता की आवश्यकता.
  •  ईरान में क़ैद तीन महिला पत्रकार, यूनेस्को प्रैस स्वतंत्रता पुरस्कार से सम्मानित.
  •  संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन द्वारा, टिकाऊ विकास लक्ष्य प्राप्ति में वित्तीय समावेशन की भूमिका पर एक संगोष्ठि.
ऑडियो
10'57"
सियेरा लियोन में, कुछ नर्सें एक कोविड-19 टीकाकरण क्लीनिक पर काम करते हुए.
© WHO/Michael Duff

कोविड-19 एक वैश्विक स्वास्थ्य आपदा के रूप में समाप्त घोषित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को, कोविड-19 महामारी की, वैश्विक स्तर की एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा के रूप में समाप्ति की घोषणा की है. हालाँकि उन्होंने वृहद आशा व्यक्त करते हुए ये भी ज़ोर दिया है कि ये महामारी अब भी एक वैश्विक ख़तरा बनी हुई है.

भारत के चित्रकूट के एक अस्पताल में एक नर्स एक बच्चे की माँ से बात कर रही है.
© UNICEF/Prashanth Vishwanathan

कोविड-19 महामारी के बाद, स्वास्थ्य प्रणालियों में सुधार के आरम्भिक संकेत

​​संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि अधिकांश देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों ने कोविड-19 महामारी के तीन वर्ष बाद, सुधार व बहाली के पहले संकेत दर्शाने शुरू कर दिए हैं. वैश्विक महामारी के कारण लाखों लोगों की मौत हुई, करोड़ों लोग कोरोनावायरस संक्रमण का शिकार हुए और अधिकांश देशों में स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान दर्ज किया गया.