वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

कोविड-19: यूएन हिन्दी कवरेज

कोविड-19: अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपदा – यूएन हिन्दी न्यूज़ कवरेज
पहली बार इन मामलों की जानकारी, दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान में मिली.

चीन सहित दुनिया के कई देश नॉवल कोरोनावायरस (कोविड-19) के ख़तरे का सामना कर रहे हैं. चीन सहित अनेक देशों में इस वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हालात पर क़ाबू पाने के लिए विशेषज्ञों, सरकारों व साझीदार संगठनो के साथ मिलकर काम करता रहा है ताकि नए वायरस के बारे में वैज्ञानिक जानकारी को पुख़्ता बनाया जा सके, उसके फैलने और घातकता में कमी लाई जाए और प्रभावित देशों व व्यक्तियों को सेहत का ध्यान रखने के लिए ज़रूरी क़दम सुनिश्चित किए जा सकें.

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फ़िलिपींस के मनीला में एक बाज़ार में विक्रेता, एक ग्राहक को सब्ज़ी बेच रहा है.
IMF/Lisa Marie David

बढ़ती महंगाई, 'हर किसी के लिये विकास के अधिकार को ख़तरा'

संयुक्त राष्ट्र की कार्यवाहक मानवाधिकार उच्चायुक्त ने आगाह किया है कि विश्व में बढ़ती महंगाई के कारण उभरती हुई और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिये चुनौती पैदा होने की आशंका है. कार्यवाहक उच्चायुक्त नाडा अल-नशीफ़ ने गुरूवार को जिनीवा में मानवाधिकार परिषद को सम्बोधित करते हुए चेतावनी भरे शब्दों कहा कि यह संकटों का एक ऐसा संगम है, जिससे सभी के लिये ख़तरा पैदा हो रहा है.

ब्राज़ील में एक स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 से बचाव के लिये टीका लगाने की तैयारी कर रही है.
PAHO/Karina Zambrana

कोविड-19 महामारी का अन्त अब नज़र आने लगा है: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 संक्रमण के कारण किसी एक सप्ताह में मृतकों की संख्या, मार्च 2020 के बाद से अब तक अपने निम्नतम स्तर तक पहुँच गई है, जिससे वैश्विक महामारी का अन्त अब नज़र आने लगा है.
 

यूएन महासभा के 77वें सत्र के लिये अध्यक्ष क्साबा कॉरोसी.
UN Photo/Evan Schneider

यूएन महासभा के 77वें सत्र का उदघाटन - एकजुटता, सततता, विज्ञान पर बल

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 77वाँ सत्र मंगलवार को आरम्भ हुआ है, और इस अवसर पर महासभा के नए अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने विश्व नेताओं से, यूक्रेन में युद्ध समेत मानवता के समक्ष मौजूद सबसे कठिन चुनौतियों से निपटने का आग्रह किया है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गहरी दरारों को दूर करने के लिये, एक साथ मिलकर काम करने और पुल निर्माण की ज़रूरत होगी.

महामारी के दौरान स्विस एल्प्स में ट्रेन से यात्रा करता एक युवक.
Unsplash/Neil Bates

कोविड-19: उत्तरी गोलार्ध में सर्दियाँ शुरू होने पर, मामलों में बढ़ोत्तरी की सम्भावना

दुनिया भर में कोविड-19 से होने वाली मौतों में, अलबत्ता कमी आई है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी - WHO के वरिष्ठ अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि उत्तर गोलार्ध में सर्दियों के आगमन के साथ ही, कोविड मामलों की संख्या बढ़ सकती है.

भारत के ओडीसा प्रदेश में, कोविड-19 की वैक्सीन का टीका लगाए जाते हुए.
© UNICEF/Priyanka Parashar

कोविड-19: 2022 में 10 लाख मौतों का 'त्रासद पड़ाव'

विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसेस ने गुरूवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी से वर्ष 2022 के दौरान अब तक दस लाख लोगों की मौत हो चुकी है – जोकि एक त्रासद पड़ाव है और इसमें से, इस त्रासदी में से, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इसकी वैक्सीन का टीका लगाने का रास्ता निकलना चाहिये.

एक युवा महिला कर्मचारी अंतसिराबे में एक गैस स्टेशन पर काम करती है. मेडागास्कर.
ILO/मार्सेल क्रोज़ेट

ILO: कोविड-19 महामारी के प्रभावों से युवा कामगार सर्वाधिक प्रभावित

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने गुरूवार को कहा है कि इस वर्ष रोज़गार व आमदनी वाला कामकाज नहीं पा सकने वाले युवजन की संख्या सात करोड़ 30 लाख तक पहुँचने का अनुमान है, जोकि कोविड-19 से पहले के हालात से पूरे साठ लाख ज़्यादा संख्या है.

भारत में टीकाकरण.
© UNICEF/Sandeep Biswas

भारत में कोविड-19 की वैक्सीन के दो अरब टीके लगाए जाने का आँकड़ा पार

भारत में कोविड-19 की वैक्सीन के दो अरब टीके लगाए जाने का आँकड़ा पार - संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के सक्रिय सहयोग पर, यूएन रैज़िडैण्ट कोऑर्डिनेटर शॉम्बी शार्प के साथ ख़ास (वीडियो) बातचीत...

अफ़्रीका में, खाने-पीने की चीज़ें बेचती एक महिला दुकानदार
IMF

IMF: वैश्विक आर्थिक परिदृश्य हुआ और स्याह, वैश्विक मन्दी भी निकट

अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी कोविड-19 महामारी और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से उबरने के प्रयासों में, धुन्धले और अनिश्चित परिदृश्य का सामना कर रही है.

UN video screenshot

यूएन हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन, 22 जुलाई 2022

इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...

  • काला सागर से होकर यूक्रेन व रूस के अनाज निर्यात पर इस्तान्बूल में हुआ अहम समझौता.
  • विश्व भर में Refugees और Migrants के स्वास्थ्य पर ख़ास ध्यान देने की पुकार.
  • श्रीलंका को संकट की इस घड़ी में, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन की हिमायत.
  • अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान शासन के दौरान मानवाधिकारों के ह्रास पर गम्भीर चिन्ता.
  • टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में, भारत के प्रयासों को यूएन समर्थन पर एक रिपोर्ट.
     
ऑडियो
10'6"
यूक्रेन की राजधानी कीयेव में एक स्वास्थ्यकर्मी निजी बचाव परिधान व उपकरणों (PPE) के साथ.
© UNICEF/Evgeniy Maloletka

कोविड-19 की टीकाकरण रणनीति में, स्वास्थ्यकर्मियों और वृद्धजन को प्राथमिकता देने के लिये संशोधन

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को कहा है कि कोविड-19 से निपटने की वैक्सीन का दुनिया भर में टीकाकरण होना वैसे तो, इतिहास में सबसे त्वरित गति का अभियान रहा है, मगर अब भी दुनिया भर में बहुत से लोग, इस बीमारी के जोखिम से महफ़ूज़ नहीं हैं. संगठन ने शुक्रवार को एक संशोधित टीकाकरण रणनीति की घोषणा भी की है.