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कोविड-19: यूएन हिन्दी कवरेज

कोविड-19: अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपदा – यूएन हिन्दी न्यूज़ कवरेज
पहली बार इन मामलों की जानकारी, दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान में मिली.

चीन सहित दुनिया के कई देश नॉवल कोरोनावायरस (कोविड-19) के ख़तरे का सामना कर रहे हैं. चीन सहित अनेक देशों में इस वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हालात पर क़ाबू पाने के लिए विशेषज्ञों, सरकारों व साझीदार संगठनो के साथ मिलकर काम करता रहा है ताकि नए वायरस के बारे में वैज्ञानिक जानकारी को पुख़्ता बनाया जा सके, उसके फैलने और घातकता में कमी लाई जाए और प्रभावित देशों व व्यक्तियों को सेहत का ध्यान रखने के लिए ज़रूरी क़दम सुनिश्चित किए जा सकें.

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दक्षिण सूडान के जोंगलेई प्रान्त में एक महिला मलेरिया से पीड़ित अपनी चार वर्षीय बेटी के उपचार के लिये दवा ले रही है.
© UNICEF/Mark Naftalin

2021: कोविड महामारी के बावजूद, मलेरिया संक्रमण व मौतों की संख्या रही 'स्थिर'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरूवार को प्रकाशित अपने एक नए विश्लेषण में जानकारी दी है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रभाव जारी रहने के बावजूद, मलेरिया के मामलों और उसके कारण होने वाली मौतों की संख्या पिछले वर्ष स्थिर रही है.

एक नौ वर्षीय लड़का अपनी माँ के साथ, बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए अपने घर के मलबे की सफ़ाई कर रहा है.
© UNICEF/Diego Ibarra Sánchez

भीषण संकटों से प्रभावित बच्चों के लिये 10 अरब डॉलर की सहायता अपील  

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने वर्ष 2023 के दौरान हिंसक टकरावों, कोविड-19 महामारी और चरम मौसम घटनाओं समेत अन्य संकटों से प्रभावित 17 करोड़ से अधिक लोगों तक राहत पहुँचाने के लिये 10 अरब 30 करोड़ डॉलर की सहायता धनराशि की पुकार लगाई है. सोमवार को जारी की गई इस अपील के तहत, 155 देशों में 11 करोड़ से अधिक बच्चों तक मदद पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है.

एशिया और प्रशांत क्षेत्र में नौकरियों में थोड़ा सुधार दर्ज किया गया है.
ILO

ILO: एशिया और प्रशान्त क्षेत्र में रोज़गार में मामूली सुधार

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की नई जानकारी में कहा गया है कि एशिया-प्रशान्त श्रम बाज़ारों ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव से आंशिक रूप से वापसी तो दर्ज की है, लेकिन पुनर्बहाली अब भी अस्थिर नज़र आ रही है, और वर्ष 2023 में परिस्थितियाँ कठिन बने रहने की सम्भावना नज़र आती है.

 इराक़ में संयुक्त राष्ट्र जाँचकर्ता निरीक्षण कार्य में जुटे हैं. (फ़ाइल)
UN Photo

जैविक युद्ध से संरक्षा के लिये अहम अवसर

संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष निरस्त्रीकरण अधिकारी इज़ूमी नाकामित्सू ने सोमवार को कहा है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को कोविड-19 के बाद के माहौल में, जैविक हथियारों का विकास किए जाने की रोकथाम करने के लिये ठोस योजनाएँ आगे बढ़ानी होंगी.

बांग्लादेश के एक स्वास्थ्य केंद्र में एक लड़की को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी ख़ुराक लगाई जा रही है.
© UNICEF/Iffath Yeasmine

अति-आवश्यक टीकों की सुलभता में वैश्विक विषमता, WHO रिपोर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नवीनतम ‘वैश्विक वैक्सीन बाज़ार’ रिपोर्ट बताती है कि विश्व भर में वैक्सीन का असमान वितरण, केवल कोविड-19 टीकों तक ही सीमित नहीं है. सम्पन्न देशों में जिन वैक्सीन की मांग अधिक है, उन्हें प्राप्त करने के लिये निर्धन देशों को निरन्तर जूझना पड़ता है.

इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में एक ग्रेनेड की चपेट में आने से घायल 10 वर्षीय बच्चे का उपचार किया जा रहा है.
© UNICEF/Christine Nesbitt

इथियोपिया: टीगरे क्षेत्र में 60 लाख लोगों की घेराबन्दी, एक 'स्वास्थ्य संकट'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय व मीडिया से इथियोपिया में संकटपूर्ण परिस्थितियों पर पर्याप्त ध्यान दिये जाने का आग्रह किया है. इथियोपिया के सरकारी सुरक्षा बलों और टीगरे में अलगाववादी लड़ाकों के बीच लड़ाई फिर शुरू होने के कारण मानवीय हालात बद से बदतर हो रहे हैं.

लेक चाड क्षेत्र में निर्बल महिलाएँ व बच्चे अब विस्थापितों के लिये बनाये गए एक राहत शिविर में रह रहे हैं.
© UNICEF/Frank Dejongh

वैश्विक स्वास्थ्य: बढ़ती विषमताओं की बड़ी क़ीमत चुका रहे हैं महिलाएँ व बच्चे

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि दुनिया भर में कोविड-19 महामारी, हिंसक टकराव और जलवायु परिवर्तन के कारण महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है. रिपोर्ट में इन वैश्विक संकटों से बच्चों, युवजन और महिलाओं पर विनाशकारी नतीजे होने की आंशका व्यक्त की गई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन जन टीकाकरण अभियान में अफ़्रीकी देशों को सहायता प्रदान कर रहा है.
© WHO/Junior D. Kannah

सर्वजन के लिये स्वस्थ जगत का निर्माण, सतत राजनैतिक संकल्प पर बल

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने विश्व भर में देशों की सरकारों से स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता दिये जाने का आग्रह किया है. उन्होंने बर्लिन में वैश्विक स्वास्थ्य के मुद्दे पर आयोजित एक अहम बैठक में कोविड-19 की पृष्ठभूमि में भावी स्वास्थ्य जोखिमों से बेहतर तैयारी के लिये सतत राजनैतिक संकल्प की पुकार लगाई है.  

विशेषज्ञों का मानना है कि घर से बाहर 20-30 मिनट गुज़ारने से तनाव में कमी आती है.
© WHO/Peng Yuan

मानसिक स्वास्थ्य है उपेक्षा का शिकार, एक ‘वैश्विक प्राथमिकता’ बनाने का समय

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार, 10 अक्टूबर, को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ के अवसर पर जारी अपने सन्देश में सचेत किया है कि दुनिया भर में क़रीब एक अरब लोग मानसिक स्वास्थ्य अवस्थाओं में जीवन गुज़ार रहे हैं, मगर फिर भी यह स्वास्थ्य देखभाल के सबसे उपेक्षित पहलू में से है.  

यूक्रेन में युद्ध के दौरान एक डॉक्टर, मरीज़ों को हमलों से बचाने के लिये प्रयोग किये गए तहख़ाने में.
© WHO/Anastasia Vlasova

WHO: नई रणनीति में स्वास्थ्य आपदाओं का त्वरित मुक़ाबला करने पर ज़ोर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19, जलवायु सम्बन्धी संकटों और यूक्रेन युद्ध जैसी वैश्विक स्वास्थ्य आपदाओं के मद्देनज़र, उनका मुक़ाबला करने के लिये, बुधवार को एक त्वरित प्रतिक्रिया रणनीति की घोषणा की है.