वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

COP26: Hindi

कॉप26 की विशेष कवरेज
31 अक्टूबर-12 नवम्बर 2021 | ग्लासगो, यूके

मानवीय गतिविधियों के कारण, जलवायु में हो रहे बदलावों और पृथ्वी पर उनके प्रभावों से उपजी चिन्ता अब गहराती जा रही है. 

इस पृष्ठभूमि में, स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो में आयोजित हो रहे, यूएन के वार्षिक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन – कॉप26 – के दौरान, दुनिया की नज़रें, वहाँ मिल रहे नेताओं, राष्ट्राध्यक्षों और हज़ारों उद्यमियों, कार्यकर्ताओं व नागरिकों पर केंद्रित रहेंगी. 

सभी पक्ष, एक साथ मिलकर इस वैश्विक संकट का कारगर समाधान ढूँढने के इरादे से ग्लासगो में एकत्र हो रहे हैं – एक ऐसा संकट जिसे अब मानवता के अस्तित्व पर ख़तरे के रूप में देखा जाता है. 

यूएन न्यूज़ ने जलवायु संकट और कॉप26 सम्मेलन पर विस्तृत व नवीनतम सामग्री आप तक पहुँचाने के लिये यह पन्ना तैयार किया है...

विकासशील जगत में वार्षिक अनुकूल प्रयासों की क़ीमत 70 अरब डॉलर आँकी गई है.
CIFOR/Nanang Sujana

जलवायु संकट: नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन के संकल्प की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सभी देशों से, वर्ष 2050 तक नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य साकार करने का आहवान किया है, ताकि इस सदी के अन्त तक, वैश्विक तापमान में 2.4 डिग्री सेल्सियस की विनाशकारी बढ़ोत्तरी को टाला जा सके. उन्होंने गुरूवार को जर्मनी के पीटर्सबर्ग में आयोजित उच्चस्तरीय जलवायु बैठक को सम्बोधित करते हुए भरोसा जताया है कि कार्बन उत्सर्जन से उपजे पर्यावरणीय झटकों के सबसे ख़राब प्रभावों की रोकथाम अब भी सम्भव है.