वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

COP26: Hindi

कॉप26 की विशेष कवरेज
31 अक्टूबर-12 नवम्बर 2021 | ग्लासगो, यूके

मानवीय गतिविधियों के कारण, जलवायु में हो रहे बदलावों और पृथ्वी पर उनके प्रभावों से उपजी चिन्ता अब गहराती जा रही है. 

इस पृष्ठभूमि में, स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो में आयोजित हो रहे, यूएन के वार्षिक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन – कॉप26 – के दौरान, दुनिया की नज़रें, वहाँ मिल रहे नेताओं, राष्ट्राध्यक्षों और हज़ारों उद्यमियों, कार्यकर्ताओं व नागरिकों पर केंद्रित रहेंगी. 

सभी पक्ष, एक साथ मिलकर इस वैश्विक संकट का कारगर समाधान ढूँढने के इरादे से ग्लासगो में एकत्र हो रहे हैं – एक ऐसा संकट जिसे अब मानवता के अस्तित्व पर ख़तरे के रूप में देखा जाता है. 

यूएन न्यूज़ ने जलवायु संकट और कॉप26 सम्मेलन पर विस्तृत व नवीनतम सामग्री आप तक पहुँचाने के लिये यह पन्ना तैयार किया है...

मौजूदा दौर की एक विशाल चुनौती से निपटने में जलवायु पत्रकारिता की एक अहम भूमिका है.
UN News/Laura Quinones

जलवायु परिवर्तन और भ्रामक जानकारी की भरमार, मीडिया के लिये पाँच अहम सुझाव

यह एक तथ्य है: जलवायु परिवर्तन पर सार्वजनिक चर्चा और उससे निपटने के उपायों को आकार देने में मीडिया की अहम भूमिका है. जलवायु परिवर्तन पर विशेषज्ञों के अन्तरसरकारी आयोग (IPCC) ने भी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में पहली बार इस तथ्य को रेखांकित किया है. जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देने और भ्रामक सूचनाओं की भरमार पर पार पाने में मीडिया की भूमिका पर पाँच अहम बातें...

पाकिस्तान में जुलाई-अगस्त में भारी बढ़ से हुई भीषण तबाही का एक हवाई दृश्य. यूएन महासचिव ने देश के साथ एकजुटता दिखाने के लिये सितम्बर 2022 में बाढ़ प्रभावित कुछ इलाक़ों का दौरा किया.
UN Photo/Eskinder Debebe

1.5 डिग्री जलवायु संकल्प ‘मरणासन्न अवस्था में’, यूएन प्रमुख की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, बुधवार को न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में, देशों के राष्ट्राध्यक्षों व सरकार अध्यक्षों के साथ एक निजी बैठक में, जलवायु परिवर्तन संकट का सामना करने के लिये, और ज़्यादा कार्रवाई और नेतृत्व दिखाए जाने की पुकार लगाई है. उन्होंने साथ ही आगाह भी किया है कि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के प्रयास अन्तिम साँसें गिनते नज़र आ रहे हैं.

उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने, इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता में युवा जलवायु कार्यकर्ताओं के साथ मुलाक़ात की.
UN Indonesia

हमें प्रकृति के साथ शान्ति क़ायम करनी होगी - यूएन उप प्रमुख

एक काले बक्से में सौर ऊर्जा जनरेटर और जैविक भूमि में उगाया गया बैंगन, ऐसी ही कुछ अन्य विविध प्रकार की वस्तुओं को, इण्डोनेशिया में युवा जलवायु कार्यकर्ताओं ने पिछले सप्ताहांत संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव आमिना मोहम्मद के समक्ष प्रस्तुत किया. जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिये युवजन के ये प्रयास उनकी आकाँक्षाओं को मूर्त रूप प्रदान करते हैं.   

जर्मनी को कोलोन शहर में एक ऊर्जा संयंत्र से उत्सर्जन.
© Unsplash/Paul Gilmore

नीन्द में जलवायु विनाश की ओर बढ़ रही है दुनिया, यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को एक शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए आगाह किया है कि वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य मानो अन्तिम साँसें गिन रहा है और गहन देखभाल कक्ष (ICU) में है. यूएन प्रमुख ने जलवायु परिवर्तन की विशाल चुनौती से निपटने के लिये, विकसित व उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं से अनुकूलन व कार्बन उत्सर्जन में कटौती की ख़ातिर, एकजुट प्रयास व निवेश की पुकार लगाई है.

कॉप26 सम्मेलन स्थल के बाहर प्रदर्शनकारी.
Conor Lennon/ UN News

2021 पर एक नज़र: जलवायु कार्रवाई, या आँय, बाँय, शाँय?

इस वर्ष, संयुक्त राष्ट्र समर्थित रिपोर्टों और ग्लासगो में यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) में निरन्तर यह कड़ा सन्देश दोहराया गया: मानव गतिविधियों की वजह से जलवायु परिवर्तन, ना केवल तात्कालिक बल्कि पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिये बहुत बड़ा ख़तरा है. क्या जलवायु संकट से निपटने के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों के सार्थक नतीजे सामने आएँगे?

भारत की एक अग्रणी सौर ऊर्जा परियोजना रीवा सौर पार्क है, जिसकी मदद से नई दिल्ली की मेट्रो रेल प्रणाली को ऊर्जा प्रदान की जा रही है.
Climate Investment Funds

यूनेप और भारत के बीच, जलवायु कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिये समझौता

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) और भारत के बीच, दक्षिण एशिया में जलवायु कार्रवाई के लिये बेहतर सामंजस्य बैठाने और अधिक निकटता से कार्य करने के लिये एक समझौता हुआ है. इसे ‘मेज़बान देश समझौता’ कहा जा रहा है.

कॉप26 सम्मेलन के अन्तिम दिन नागरिक समाज संगठनों ने, मुख्य कक्ष के भीतर मार्च करते हुए प्रदर्शन किया.
UN News/Laura Quinones

कॉप26: अन्तिम चरण की वार्ता का दौर खिंचा, निर्धारित अवधि से लम्बा

स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में संयुक्त राष्ट्र का 26वाँ वार्षिक जलवायु सम्मलेन (कॉप26) शुक्रवार को समाप्त होना था, मगर निर्धारित समय पर ख़त्म होने के बजाय अन्तिम चरण की वार्ताओं का दौर अभी जारी है. 

यूएन न्यूज़/अंशु शर्मा

कॉप26 सम्मेलन से जुड़ी युवाओं की उम्मीदें

स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (कॉप26) में हिस्सा ले रहीं, भारत की एक युवा जलवायु कार्यकर्ता हीता लखानी का कहना है कि हाल के वर्षों में जलवायु वार्ताओं में युवाओं की भूमिका बढ़ी है. 

हीता लखानी मुम्बई में एक जलवायु शिक्षिका हैं, और युवा नेतृत्व वाले संगठनों के समूह, YOUNGO के लिये ‘ग्लोबल साउथ’ की समन्वयक हैं. हीता, भारत में विभिन्न गतिविधियों के तहत युवाओं में मौजूदा जलवायु चुनौती के प्रति समझ और अन्तरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में जानकारी बढ़ाने के लिये प्रयासरत है. 

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जीवाश्म ईंधन जलाये जाने से हवा में अनेक प्रकार के प्रदूषक घुल जाते हैं, जोकि पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य, दोनों के लिये नुक़सानदेह हैं.
Unsplash/Malcolm Lightbody

कॉप26: संकल्पों पर पानी फेरती है अरबों डॉलर की जीवाश्म ईंधन सब्सिडी; जलवायु वार्ता में तेज़ी लाए जाने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने देशों की सरकारों से, कार्बन उत्सर्जन में कटौती, अनुकूलन और वित्त पोषण के विषय में, नपे-तुले अन्दाज़ में ज़्यादा महत्वाकांक्षा दर्शाने पर बल दिया है. स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में कॉप26 सम्मेलन के दौरान महासचिव ने गुरूवार को प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए स्पष्ट किया कि आम सहमति वाले, सबसे निचले स्तर के उपाय पर्याप्त नहीं हैं. 

जीवाश्म ईंधन जलाने से, अनेक तरह के वायु प्रदूषक उत्पन्न होते हैं जो पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य दोनों के लिये हानिकारक हैं.
Unsplash/Patrick Federi

जलवायु कार्रवाई पर सहयोग के लिये, चीन-अमेरिका के बीच समझौते का स्वागत

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, बुधवार को, चीन और अमेरिका के बीच, जलवायु कार्रवाई में, और ज़्यादा निकट सहयोग करने के लिये हुए एक समझौते का स्वागत किया है. उन्होंने इस समझौते को, सही दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम क़रार दिया है.