जलवायु परिवर्तन के बारे में ठोस कार्रवाई करने के इरादे से, देशों ने वर्ष 2015 में पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. वर्ष 2020 में उस समझौते को 5 पाँच वर्ष पूरे हो रहे हैं. ये देखना दिलचस्प है कि दुनिया ने, जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के बारे में, इन 5 वर्षों के दौरान क्या क़दम उठाए हैं, या संकल्प व्यक्त किये हैं. इसी मुद्दे पर 12 दिसम्बर को "जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020" हो रहा है. कुछ प्रासंगिक सामग्री यहाँ संकलित है...
Climate Ambition Summit 2020
2020 तीसरा सर्वाधिक गर्म वर्ष होने की राह पर...
विश्व मौसम संगठन ने कहा है कि वर्ष 2020, तीसरा सबसे ज़्यादा रिकॉर्ड गर्म वर्ष होने के रास्ते पर है. ऐसा होने पर लगातार छह साल का सिलसिला पूरा होगा जो, रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से सबसे गर्म दर्ज किये गए थे.
जलवायु आपदा: 'प्रकृति के साथ सुलह करने की घड़ी'
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु आपदा के ख़िलाफ़ लड़ाई को 21वीं सदी की सर्वोच्च प्राथमिकता क़रार दिया है. उन्होंने न्यूयॉर्क के कोलम्बिया विश्वविद्यालय में दिये गए अपने एक उत्साहपूर्ण और स्पष्ट भाषण में ये बात कही.
'नैट-ज़ीरो' की दौड़, और दुनिया इस पर क्यों निर्भर है!
अनेक देशों ने, आने वाले वर्षों में "शून्य उत्सर्जन" का लक्ष्य हासिल करने के मक़सद से, हाल ही में अपने कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के लिये प्रतिबद्धताओं की घोषणा की है. यह शब्द आज दुनिया भर में गूँज रहा है और इसे अक्सर जलवायु परिवर्तन और इससे होने वाली तबाही से निपटने के लिये एक आवश्यक क़दम के रूप में देखा जाता है.