भारत: सामुदायिक पत्रकारिता प्रशिक्षण के ज़रिए जागरूकता का प्रसार
इस बार अन्तरारष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है – ‘DigitALL: Innovation and technology for gender equality’ यानि सभी के लिए डिजिटल, नवाचार व तकनीक के ज़रिए लैंगिक समानता की प्राप्ति.’ इसी कड़ी में भारत में यूएन वीमैन ने कुछ महिला उद्यमियों को उनकी उपलब्धियों का जश्न मानने के लिए आमंत्रित किया, जिन्होंने नवाचार व डिजिटल के माध्यम से अपने काम को व अपने अभियान को आगे बढ़ाया है. इन्ही में से एक हैं, वाराणसी की स्वाति सिंह.
स्वाति सिंह पेशे से पत्रकार हैं. शुरू से ही सामुदायिक कार्य में रुचि रखने वाली स्वाति सिंह, अब ‘मुहीम’ नामक संस्था की निदेशक हैं, जो वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित समुदायों के बीच काम करती है. अपनी पत्रकारिता की पृष्ठभूमि के कारण, वह महिलाओं के विकास और प्रगति की चर्चाओं में शामिल होने के लिए, महिलाओं को एकजुट करती हैं और उन्हें सामुदायिक पत्रकारिता में प्रशिक्षण भी देती है, जिससे वो अपनी आवाज़ बुलन्द कर सकें.
स्वाति सिंह से हमारी सहयोगी अंशु शर्मा की एक संक्षिप्त बातचीत...
इस बार अन्तरारष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है – ‘DigitALL: Innovation and technology for gender equality’ यानि सभी के लिए डिजिटल, नवाचार व तकनीक के ज़रिए लैंगिक समानता की प्राप्ति.’ इसी कड़ी में भारत में यूएन वीमैन ने कुछ महिला उद्यमियों को उनकी उपलब्धियों का जश्न मानने के लिए आमंत्रित किया, जिन्होंने नवाचार व डिजिटल के माध्यम से अपने काम को व अपने अभियान को आगे बढ़ाया है. इन्ही में से एक हैं, वाराणसी की स्वाति सिंह.
स्वाति सिंह पेशे से पत्रकार हैं. शुरू से ही सामुदायिक कार्य में रुचि रखने वाली स्वाति सिंह, अब ‘मुहीम’ नामक संस्था की निदेशक हैं, जो वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित समुदायों के बीच काम करती है. अपनी पत्रकारिता की पृष्ठभूमि के कारण, वह महिलाओं के विकास और प्रगति की चर्चाओं में शामिल होने के लिए, महिलाओं को एकजुट करती हैं और उन्हें सामुदायिक पत्रकारिता में प्रशिक्षण भी देती है, जिससे वो अपनी आवाज़ बुलन्द कर सकें.
स्वाति सिंह से हमारी सहयोगी अंशु शर्मा की एक संक्षिप्त बातचीत...