स्वच्छ ऊर्जा: छोटे क़दमों से बड़ा बदलाव संभव
कल्पनाशीलता और दूरदृष्टि के सहारे स्वच्छ ऊर्जा में बड़े बदलावों को मूर्त रूप दिया जा सकता है जिससे ग्रामीण इलाक़ों में भी लोग किफ़ायती दरों पर भरोसेमंद ढंग से स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल कर पाएंगे.
यह कहना है भारत में ऊर्जा, पर्यावरण और जल मामलों पर परिषद के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणभा घोष का जिन्होंने हाल ही में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में विकास नीति पर समिति की बैठक में शिरकत की.
टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा के सातवें लक्ष्य में सभी के लिए टिकाऊ, किफ़ायती, भरोसेमेंद और आधुनिक ऊर्जा सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है.
दूरदराज़ के इलाक़ों में ग्रामीण समुदायों तक बिजली का कनेक्शन तो पहुंच रहा है लेकिन उसकी उपलब्धता और किफ़ायत पर सवाल बरक़रार हैं.
स्वच्छ ऊर्जा कई प्रकार के फ़ायदों का वादा करती है लेकिन उन्हें हासिल कर पाने की गति अभी धीमी ही है.
यूएन न्यूज़ के साथ एक ख़ास बातचीत में अरुणभा घोष ने सबसे पहले बताया कि स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में किस प्रकार की असमानताएं व्याप्त हैं...