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शांतिरक्षा अभियानों में 'महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने को तैयार है भारत'

शांतिरक्षा अभियानों में 'महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने को तैयार है भारत'

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हिंसा, संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता से होकर जो रास्ता शांति और सुरक्षा की ओर जाता है उस रास्ते में कई बड़े अवरोधों और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. और पिछले सात दशकों से ऐसी ही चुनौतियों से पार पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं ब्लू हेलमेट पहने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक.

अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से जुड़ी इस अहम ज़िम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाने में भारत के शांतिरक्षकों ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है.

सोमालिया से सूडान तक और लाइबेरिया से लेबनान तक पिछले 70 सालों में करीब 50 शांतिरक्षा अभियानों में दो लाख से ज़्यादा भारतीय शांतिरक्षकों ने हिंसा के चक्र को तोड़ने और स्थायी शांति की नींव तैयार करने में मदद की है.

हर साल 29 मई को अंतरराष्ट्रीय शांतिरक्षक दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर यूएन न्यूज़ ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन से विशेष बातचीत की और उनसे पूछा कि यूएन शांति मिशनों में भारत के व्यापक योगदान का मुख्य उद्देश्य क्या है.

अवधि
10'3"
Photo Credit
UN News/Mehboob Khan