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इराक़: लाभों के बावजूद अभी 'पूर्ण बदलाव नहीं’

महासचिव की विशेष प्रतिनिधि और इराक़ के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की प्रमुख, जनिन हेन्निस-प्लसहायर्ट (दाएँ), सुरक्षा परिषद के सदस्यों को देश की स्थिति के बारे में जानकारी दे रही हैं.
UN Photo/Loey Felipe
महासचिव की विशेष प्रतिनिधि और इराक़ के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की प्रमुख, जनिन हेन्निस-प्लसहायर्ट (दाएँ), सुरक्षा परिषद के सदस्यों को देश की स्थिति के बारे में जानकारी दे रही हैं.

इराक़: लाभों के बावजूद अभी 'पूर्ण बदलाव नहीं’

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र की एक शीर्ष अधिकारी ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि इराक़ में घटते नागरिक स्थान, स्थगित होते चुनाव और जलवायु आपातस्थिति पर बढ़ती चिन्ताओं के मद्देनज़र, स्थिरता एवं मेहनत से हासिल किए गए लाभ बनाए रखने के लिए, मज़बूत समर्थन की आवश्यकता है.

इराक़ के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि जिनीन हेनिस-प्लैश्शाएर्ट ने सुरक्षा परिषद को बताया, "अभी यह मानकर हाथ पर हाथ धरकर बैठने का समय नहीं है कि इराक़ में समस्याएँ ख़त्म हो गईं हैं और बड़ा बदलाव आ गया है."

इराक़ के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMI) की प्रमुख जिनीन हेनिस-प्लैश्शाएर्ट ने हाल के घटनाक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि हालाँकि भ्रष्टाचार से निपटने से लेकर, ऊर्जा स्वतंत्रता आगे बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है.

मगर उन्होंने कहा कि बाक़ी मुद्दों से निपटने के लिए अहम कार्रवाई करना महत्वपूर्ण होगा, जिसमें एक कार्यशील बजट पर सहमति बनाना और लम्बे समय से प्रतीक्षित प्रान्तीय परिषद चुनाव, 2023 के अन्त तक सुनिश्चित करना शामिल है.

बग़दाद-अरबिल कगार पर

उन्होंने, कुर्दिस्तान क्षेत्र का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस अस्थिर एवं गैर-ज़िम्मेदाराना राजनैतिक स्थिति के बीच, हाल के महीनों में दो सत्तारूढ़ दलों के बीच असहमति ने, क्षेत्र को एकदम “कगार पर ढकेल दिया है.”

उन्होंने, अनेक चिन्ताओं के बीच लम्बे समय से लम्बित संसदीय चुनावों का मुद्दा भी उठाया.

लम्बे समय से प्रतीक्षित प्रान्तीय परिषद चुनाव ने कहा, "इसमें समय की सबसे बड़ी अहमियत है." उन्होंने कहा कि अन्य चुनावी मुद्दों के समाधान तत्काल खोजे जाने चाहिए. "एक और चनाव स्थगन से जनता का भरोसा उठ सकता है."

 बढ़ता तनाव

यूएन विशेष प्रतिनिधि ने, बग़दाद और अरबिल से प्रतिबद्धता की बार-बार घोषणा के बावजूद, देश में 2020 सिंजर समझौता लागू करने की दिशा में हुई अल्प प्रगति पर निराशा व्यक्त की. यह समझौता, उत्तरी क्षेत्र के पुनर्निर्माण की रूपरेखा तैयार करने के लिए किया गया था.

उन्होंने कहा, "इस तरह के गतिरोध से विघ्नकारी तत्वों को अपने स्वार्थ के लिए स्थिति का फ़ायदा उठाने की वजह मिल जाती हैं, और हज़ारों विस्थापित सिंजरियों के वापिस लौटने के रास्ते में व्यवधान उत्पन्न होता है."

यज़ीदी समुदाय को लक्षित करता ऑनलाइन दुष्प्रचार, हाल ही में सिंजर में समुदायों के बीच तनाव में वृद्धि का एक बड़ा कारण था.

उन्होंने कहा कि हालाँकि सभी पक्षों के स्थानीय नेताओं ने तनाव घटाने के लिए साथ मिलकर काम किया है, लेकिन सुलह की चुनौतियाँ तब तक बनी रहेंगी जब तक कि एकीकृत प्रशासन, स्थिर सुरक्षा प्रणाली और पुनर्निर्माण की दिशा में सार्थक क़दम नहीं उठाए जाते.

चाहे वह बजट हो, हाइड्रोकार्बन संसाधनों से सम्बन्धित प्रश्न, विवादित क्षेत्र, सिंजर समझौते का कार्यान्वयन, या उससे जुड़ा कोई अन्य मुद्दा, ये बहुत ज़रूरी है कि बग़दाद और अरबिल, अपने बीच एकल समाधानों से आगे देखें और बढ़ें.

इराक जैसे विकासशील देशों (चित्रित) में सुधार, जलवायु कार्रवाई और एसडीजी में निवेश करने के लिए संसाधनों की कमी है.
© WMO/Abbas Raad

जलवायु आपातस्थिति

इराक़ के लिए सबसे महत्वपूर्ण जलवायु आपातस्थिति ‘पानी’ की रहेगी. अनुमान है कि 2035 तक इराक़ के पास पानी की अपनी मांग का केवल 15 प्रतिशत ही पूरा करने की क्षमता होगी.

इराक़ की लगभग 90 प्रतिशत नदियाँ प्रदूषित हैं, और वर्तमान में 60 लाख लोग पानी की कमी से पीड़ित हैं. इससे इराक़ की स्थिरता के लिए बड़ा ख़तरा पैदा हो सकता है.

विशेष प्रतिनिधि ने इराक़ सरकार द्वारा जल सुरक्षा के मुद्दे को दी गई प्राथमिकता का स्वागत करते हुए कहा कि जल प्रबन्धन प्रणालियों के व्यापक सुधार की योजनाएँ चालू होने की ख़बरें हैं, जो जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण से प्रेरित मांगों को पूरा करने में अहम होंगी.

कूटनैतिक समाधान

उन्होंने कहा, "इराक़ के पड़ोसियों के बीच संसाधनों का उचित बँटवारा भी समान रूप से अहम है," उस अगर पानी तक पहुँच हासिल करना एक प्रतिद्वन्द्विता बन जाता है, तो हार सभी की होगी; साहसिक घरेलू कार्रवाई और घनिष्ठ क्षेत्रीय सहयोग के ज़रिए ही, एकमात्र विजयी समाधान प्रस्तुत किया जा सकता है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक और राजनैतिक विकास, इराक़ को प्रभावित करते रहेंगे. सीमा सुरक्षा और व्यापार से लेकर जल-साझाकरण व जलवायु मुद्दों जैसे क्षेत्रों में, पड़ोसी देशों के साथ कूटनैतिक समाधान तलाश करने के सरकार के प्रयास बहुत महत्वपूर्ण होंगे.

सिकुड़ते नागरिक स्थान

सक्रिय, सशक्त और संरक्षित नागरिक स्थान की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, उन्होंने उम्मीद जताई कि इराक़ के नेता एवं अधिकारी, सार्वजनिक रूप से नागरिक संवाद व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मान्यता दें, ताकि इराक़ी लोगों, विशेष रूप से युवा पीढ़ी व महिलाओं के बीच, अलगाव एवं मोहभंग की नवीन भावना न जन्म ले सके.

उन्होंने कहा, "बार-बार दोहराते संकटों के चक्रों को रोकने के लिए, जवाबदेही, क़ानून का शासन और मानवाधिकारों का सम्मान बेहद आवश्यक है."

कुवैत की चिन्ता

विशेष प्रतिनिधि ने, 1990 में देश पर इराक़ के अल्पकालिक आक्रमण के परिणामस्वरूप लापता, कुवैती व अन्य नागरिकों और कुवैती सम्पत्ति के मुद्दे पर बात करते हुए, गवाहों और सम्भावित क़ब्रगाहों का पता लगाने में प्रगति का उल्लेख किया और ये प्रयास जारी रखने के लिए एक समिति  केगठन के, प्रधानमंत्री के फ़ैसले का स्वागत किया.

हालाँकि, उन्होंने कहा कि उनके अधिकारी, लापता कुवैती सम्पत्ति की पुनर्प्राप्ति पर प्रगति का इन्तेजार कर रहे हैं, जिसमें राष्ट्रीय अभिलेखागार भी शामिल है.

कमज़ोर लाभ

उन्होंने कहा कि ये लाभ "आसानी से मिट्टी में मिल सकते हैं", और इसके लिए, अनियंत्रित भ्रष्टाचार, भीतरी हस्तक्षेप, बाहरी घुसपैठ, मोहभंग या आम कल्याण के ख़िलाफ़ राजनैतिक ख़रीद-फ़रोख्त जैसी समस्याएँ कारण बन सकती हैं.

उन्होंने कहा, "इराक़ में विशाल सम्भावना व क्षमता है. महत्वाकांक्षी सरकारी योजनाओं के ज़रिए, अस्थिरता से निपटने में मदद मिल सकती है, बशर्ते कि वे पूरी तरह से लागू की जा सकें."