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डीआरसी: यौन हिंसा का चिन्ताजनक स्तर, यूनीसेफ़ की चेतावनी

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) के उत्तरी किवू में, पीड़ितों की सहायता के लिये ट्रस्ट कोष के समर्थन के माध्यम से, डोरिका - महिलाओं के यौन हिंसा पीड़ितों के समूह का हिस्सा बनीं, और अब स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिये माइक्रो-क्रेडिट ऋण प्राप्त कर रही हैं
© Finbarr O’Reilly
काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) के उत्तरी किवू में, पीड़ितों की सहायता के लिये ट्रस्ट कोष के समर्थन के माध्यम से, डोरिका - महिलाओं के यौन हिंसा पीड़ितों के समूह का हिस्सा बनीं, और अब स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिये माइक्रो-क्रेडिट ऋण प्राप्त कर रही हैं

डीआरसी: यौन हिंसा का चिन्ताजनक स्तर, यूनीसेफ़ की चेतावनी

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) के उत्तरी किवू प्रान्त में महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध यौन हिंसा के मामलों में हुई वृद्धि के मद्देनज़र, रोकथाम कार्रवाई और पीड़ितों के लिए समर्थन सेवाएँ सुनिश्चित करने के इरादे से, तत्काल निवेश किए जाने की अपील की है.

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लिंग आधारित हिंसा की निगरानी करने वाले एक समूह ने बताया कि उत्तरी किवू में महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध ऐसे मामलों में इस वर्ष के पहले तीन महीनों, पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 37 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है.

वर्ष 2022 में, केवल उत्तरी किवू में ही लिंग आधारित हिंसा के 38 हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए गए. अधिकतर मामलों में, पीड़ितों ने बताया कि हथियारबन्द पुरुषों व विस्थापित पुरुषों ने शिविरों के आस-पास के इलाक़े में उन पर हमला किया.

डीआरसी में यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि ग्रांट लिएटी ने बताया कि, “गहरे, नाज़ुक हालात में शिविरों में शरण तलाश कर रही महिलाओं व बच्चों को दुर्व्यवहार व पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है.”

“बच्चों के विरुद्ध यौन हिंसा में हुई वृद्धि भयावह है, और तीन वर्ष जितने छोटे बच्चों के भी यौन शोषण की रिपोर्ट मिली हैं.

उन्होंने कहा कि यह स्थिति नीन्द से जगा देने वाली घंटी है, जिससे सभी को हरकत में आ जाना चाहिए.

मार्च 2022 के शुरू से अब तक, उत्तर किवू में विभिन्न पक्षों के बीच हुई झड़पों के कारण, 11 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

इनमें से लगभग 60 फ़ीसदी विस्थापित जन, प्रान्तीय राजधानी गोमा के बाहरी इलाक़ों में भीड़भाड़ भरे केन्द्रों पर रह रहे हैं, और वहाँ यौन हिंसा का जोखिम बहुत अधिक है.

यूनीसेफ़ ने बताया कि विस्थापितों के लिए बनाए गए शिविरों के नज़दीक स्थित क़रीब एक हज़ार इलाक़ों में बड़े पैमाने पर यौन शोषण के मामले सामने आए हैं.

इसका महिलाओं व लड़कियों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा और लम्बे समय तक बने रहने वाला असर हुआ है. बताया गया है कि यौन हिंसा के हर चार में से एक पीड़ित को विशेषीकृत चिकित्सा व मनोसामाजिक समर्थन की आवश्यकता है.

समर्थन सेवाओं पर बल

यूनीसेफ़ ने ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए अपनी गतिविधियों का स्तर बढ़ाया है, और साथ ही, प्रभावित लड़कियों व महिलाओं के लिए ज़रूरी चिकित्सा व मनोसामाजिक सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं.

यूनीसेफ़ ने अपने साझेदारों के साथ मिलकर, विस्थापन शिविरों के आस-पास, सुरक्षित केन्द्र भी स्थापित किए हैं, जहाँ मनोचिकित्सक, पेशेवर सामाजिक कार्यकर्ता, और अन्य प्रशिक्षित कर्मी हैं, जिनका दायित्व ज़रूरतमन्द महिलाओं व बच्चों की शिनाख़्त करना और आवश्यकता होने पर अन्य सेवा केन्द्रों को भेजना है.

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक शहर बेनी का दृख्य.
© UNICEF/Arlette Bashizi

यूनीसेफ़ ने महिलाओं व लड़कियों की रक्षा के लिए, रोकथाम व समर्थन सेवाओं में तत्काल निवेश किए जाने की अपील की है, ताकि विस्थापन शिविरों के आस-पास के इलाक़ों में यौन हिंसा से निपटा ज सके.

साथ ही, महिलाओं व लड़कियों के व्यापक स्तर पर यौन शोषण पर भी रोक लगाए जाने, और उन स्थलों को ध्वस्त करने पर बल दिया गया है, जहाँ यौन शोषण मामलों को अंजाम दिया जाता है.

यूनीसेफ़ ने दानदाताओं से विस्थापन शिविरों में रहने वाली आबादी के लिए सहायता धनराशि बढ़ाए जाने की अपील की है. विशेष रूप से, बेहतर जल एवं साफ़-सफ़ाई केन्द्रों की सुलभता और स्वास्थ्य, शिक्षण व खाद्य सहायता सेवाओं के प्रावधान में मज़बूती लाने के लिए.