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सूडान संकट: ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के लिए तीन अरब डॉलर की अपील

दक्षिण सूडान के रेन्क में एक सीमा चौकी के पास, यूएन शरणार्थी एजेंसी के आवागमन केन्द्र एक परिवार
© UNHCR/Charlotte Hallqvist
दक्षिण सूडान के रेन्क में एक सीमा चौकी के पास, यूएन शरणार्थी एजेंसी के आवागमन केन्द्र एक परिवार

सूडान संकट: ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के लिए तीन अरब डॉलर की अपील

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठनों ने सूडान में दूसरे महीने में प्रवेश कर चुके हिंसक युद्ध और उससे उपजे गम्भीर मानवीय संकट के मद्देनज़र, देश में लाखों ज़रूरतमन्दों और पड़ोसी देशों में शरण लेने वाले लोगों तक राहत पहुँचाने के लिए, बुधवार को तीन अरब डॉलर की सहायता अपील जारी की है.

सूडान में मध्य-अप्रैल से परस्पर विरोधी सैन्य गुटों में युद्ध शुरू होनवे की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है, मानवीय आवश्यकताओं में उछाल आया है, और विस्थापितों की संख्या बढ़ी है.

हिंसा से अब तक देश की सीमाओं के भीतर आठ लाख 40 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं, दो लाख से अधिक शरणार्थी जन देश छोड़ कर चले गए हैं और सूडान के नागरिकों ने चाड, मिस्र में शरण ली है, और दक्षिण सूडान से आए शरणार्थी भी अपने घर वापिस लौट रहे हैं.

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बताया गया है कि संकट का यदि युद्ध समाप्त नहीं हुआ, तो बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षा व बुनियादी सहायता की तलाश में अपना घर छोड़कर जाना होगा.

संशोधित मानवीय राहत योजना में भोजन, जल, साफ़-सफ़ाई समेत अन्य जीवनरक्षक सहायता में तेज़ी लाए जाने पर बल दिया गया है, साथ ही, मानवीय संरक्षण, विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा और लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम पर पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा.

इस योजना में 92 साझेदार संगठन है, और राजधानी ख़ारतूम सहित भीषण लड़ाई से प्रभावित इलाक़ों और उन इलाक़ों में राहत अभियान का विस्तार किया जाएगा, जहाँ लोगों ने हिंसा से बचने के लिए शरण ली है. इनमें पश्चिम, दक्षिण और उत्तर दारफ़ूर समेत अन्य इलाक़े हैं.

सहायता योजनाओं में बदलाव

संयुक्त राष्ट्र ने इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दो योजनाएँ शुरू की हैं, ताकि लोगों के लिए भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, शरण, संरक्षण और अन्य महत्वपूर्ण सहायता का प्रबन्ध किया जा सके.

मौजूदा संकट के कारण मानवीय सहायता ज़रूरतों में हुई वृद्धि के कारण, सूडान के लिए मानवीय राहत योजना में बदलाव किए गए हैं.

यूएन ने इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दो अरब 56 करोड़ डॉलर की अपील की है, जोकि कुछ ही महीने पहले जारी की गई अपील से 80 करोड़ डॉलर अधिक है.

इसके ज़रिये, वर्ष 2023 के अन्त तक एक करोड़ 80 लाख लोगों को राहत पहुँचाने के प्रयास किए जाएंगे. यह सूडान के लिए अब तक जारी की गई सबसे बड़ी सहायता अपील है.

वहीं, सूडान क्षेत्रीय शरणार्थी सहायता योजना के तहत, शरणार्थियों, देश वापिस लौटने वाले लोगों, और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, चाड, मिस्र, इथियोपिया और दक्षिण सूडान में मेज़बान समुदायों के लिए 47 करोड़ डॉलर की आवश्यकता रेखांकित की गई है.

इस सहायता धनराशि के ज़रिये 10 लाख से अधिक शरणार्थियों, देश वापिस लौटने वाले लोगों और अन्य देशों के नागरिकों को राहत प्रदान की जाएगी.

'क्रूर प्रहार'

संयुक्त राष्ट्र में आपात राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने क्षोभ प्रकट करते हुए कहा कि यह हिंसक टकराव, सूडान के लोगों के लिए एक क्रूर प्रहार है, जोकि पहले से ही एक हताश मानवीय स्थिति से जूझ रहे थे.

उनके अनुसार, मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मानवीय राहत एजेंसियों की चाह, इच्छा और अधीरता पहले जितनी ही मज़बूत है. “संकल्प घोषणा पर हस्ताक्षर, आम नागरिकों की रक्षा करने और सुरक्षित ढंग से राहत पहुँचाने की दिशा में पहला, स्वागत योग्य क़दम था.”

“मगर, अब हमें अपनी सहायता का स्तर बढ़ाने और सभी ज़रूरतमन्दों तक पहुँचने के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की उदारता की आवश्यकता है.”

शरणार्थियों मामलों के लिए यूएन एजेंसी के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा कि एक महीने से अधिक समय से जारी इस संकट के कारण, सूडान में अनगिनत लोग भय में जी रहे हैं.

जो लोग सीमाओं को पार करके अन्य देशों में पहुँचे हैं, उन्हें बेहद कठिन माहौल में रहना पड़ रहा है और उन्हें भी मदद की आवश्यकता है.

उन्होंने सभी साधन सम्पन्न देशों व व्यक्तियों से आगे बढ़कर राहत मुहैया कराने की अपील की है, ताकि अपना सब कुछ खो देने वाले लोगों की सहायता की जा सके.